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पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास भाग 1.djvu/४५०

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भायों का मूल स्थान और चेदोंको प्राचीनता 809 विषयमें जो कुछ जानकारी संग्रह की गई है उससे यह प्रतीत होता है कि यह कसौटी कोई ऐसी सची कसौटी नहीं कि जिसके विषयमें सन्देह न किया जा सके। संसारमें बहुतसी ऐसी जातियाँ मिलती हैं जिनकी भाषा निश्चितरूपसे उनकी अपनी भाषा नहीं है। वह मापा उनके अन्दर ऐतिहासिक कालमें प्रचलित हुई। उदाहरणार्थ, अमरीकाकी यहुतसी यस्तियां ऐसी हैं जो दो तीन सौ वर्षों से स्पेन और पुर्तगालकी भाषा बोलती है। दो तीन सौ वर्ष औरमें किसीको यह स्मरण न रहेगा कि उन्होंने यह भापा अपने विजेताओंसे प्राप्त की। फिलिपाइन द्वीपसमूहके अधिवासियोंकी मूल भाषा इस समय साधारण- तया स्पेनकी भापा समदी जाती है । अब अमरीकाले संयुक राज्योंके अमरीकन लोग उनको अङ्गरेज़ो सिपा रहे हैं और कतिपय वर्षों में सारे द्वीप-समूहको मापा अगरेज़ो हो जायगी। चंश भेदकी दूसरी कसौटी सोपड़ियोंकी यनावट और लयाई । चौड़ाई है। तीसरी कसौटी भिन्न भिन्न जातियों के धार्मिक किस्से- । कहानियां और रीति-रवाज हैं। परन्तु हमारी सम्मतिमें कोई भी आदर्श ऐसा सर्वाङ्गपूर्ण नहीं है जिसपर पूर्ण रूपसे भरोसा किया जा सके। फिर भी इन तीनों प्रकारको साक्षियोंको इकट्ठा करके जो पुन्छ परिणाम इस समयतम इस सिद्धान्तपर कि मायाँका मूल निवास कहां था स्थिर किये गये हैं उनको संक्षेप- से आगे दिया जाता है। आर्यो की मूल और आदि जन्म-भूमिके विषयमें जो विवार इस समयतफ प्रकट हो चुके हैं उनको इन प्रकारोंमें बांटा जा सकता है:-