पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास भाग 1.djvu/४९३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

मारवचषका ततस ४०० और संख्या घटना इंसाके जन्मके ईसाफे पीछे- पूर्वका समय का समय टिप्पणी वायु, अग्नि,भाग: दूसरी यह प्रकट है कि पुराणों में कमी कभी वत, मार्कण्डेय शताब्दी से परिवर्तन होता रहा है। मूल भविष्य पुराणका भबिष्य, विष्य लेकरपांचवीं समय सन् २६० यताया जाता है, घायु मत्स्य और महा शताब्दी तक ३१५.३२० और ग्रलाण्ट ३२५-३३० । ण्ड पुराणा कालिदास ५००के बीच आर्यभट ४७६ जन्म 'गणितका प्रसिद्ध विद्वान् । १२. वराहमिहिर ५८७मृत्यु १३ पाणिनि. कमसे कम सातवी चैदिक व्याकरण, अष्टाध्यायीका.रच. शताब्दी ई०पू० यिता। महाभाष्यकार। ७वींशताब्दो महाराज इर्षके समयका प्रसिरकवि। १६ शराचार्य । " १४/पतञ्जलि १५ घाण १८५ वर्ष