सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:भारतीय प्राचीन लिपिमाला.djvu/२४९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

Plate XIX लिपिपत्र १८वा. प्राचीन हस्तलिखित पुस्तकों तथा लेखों से. (ई.स. की छठी शताब्दी) होघुजी के मठ (जापान में) से मिली हुई 'उष्णोषविजयधारणी' को ताड़पत्र पर लिखी हुई पुस्तक के अन्त में दो हुई पूरी वर्णमाला. है ऐ जी श्री म मुरुम ८ १ १v IT म के ऊ ए ठ प्रद a ur Fort प फ ब भ म य र न व TT घ म ह वन पवन स य र ल वन प स n to दू ६ बावर माहब को मिली हुई भाजपत्र पर निस्वी पुस्तका में मुख्य मुख्य अक्षर. श्री श्री 334 ए स्व स्व स्व झ ट स झ F में मयनय अर. आमिरगढ मे मिली हुई मौखरी शर्वधर्मम् की द $ उ भ भ म ह ह न्य ता म्स सम १. 3, चपन 42 ER मोखरी अनंतवर्मन् के लेखों से. महानामन् क बुद्धगया के ने. (ई.५८८) म म पूर्ण U क य य त् VE h ८ सुका ६१ मत : मुसा - gan nug: Fev go şu: OUT TH5 and grain EU włogt: 78 BW56503 * FURNI मन E 15: या: Fre: Houd * य५ -