पृष्ठ:भारतीय प्राचीन लिपिमाला.djvu/२७३

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Plate XLIII लिपिपत्र ४३वां. पल्लव वंशी राजा विष्णगोपवर्मन् पौर सिंहवर्मन् के दामपनों से. (१.म. की पांचवीं शताब्दी) पाव वो राजा विष्णगोपवर्मन् के उम्पषि गांव के दानपत्र में. ग च म प्य द प ब भ म य सर 2EL T 02 OUD म न जा घा नि वी ग कु भ Con & 1089UU25 Q.18214मर पी ट्टा त्र न पनव वंशी राजा मिंहवर्मन् के पिकिर गांव के दानपत्र में मुख्य मुख्य अक्षर, ज त थ ट द घ न फ ब ब श ग हा ग्थि. dEC 020-200aMAG i samo टी पचव वंशी राजा मिंहवर्मन के मंगलूर गाव के दानपत्र में मग्य मग्य अक्षर AT क ट द घ न 7 धा थि प म 2 v co ao Es 2 a a Es n30 38€ quicq Ps 91%98- 3y yo-yo 2*&*bole: 82- agazy 3840925% xage. y 3420alt: yo oggarapav, 3- Y yf@ U10 LESTⓇY BEJEY dy- 27319 3270 सन्धि ११-