पृष्ठ:भारतीय प्राचीन लिपिमाला.djvu/२९२

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Plate LXII. लिपिपत्र श्वां. राजेन्द्रचोल, विरूपाक्ष भोर वावलकामय के लेखादि से. (ई.स. को ११वीं से १५वीं शताम्दी). ऊ ए च त्र ट ण म प राजेन्द्र पोल (प्रथम) के निरूमने के चटान पर गद्रे हुए ने ग्व मे (ई. स. को ११वीं शताब्दी). श्रो 4 3 7 2 27 7 9 7 2 J 334m 250 क -! MPSy ame च र ल व ळ पा ति ची पगन (बर्मा में) मे मिन्न हुए वंगणव नंव में ( म. को १७वी माताब्दी के पासपास). र क क ज ट ट ट पा न न प 9 म म च च C- 17773 - 600 m C co LU र व ळ क मा वा रि यि कु टु 9 o. on 42 o con 21 i a 3G 4G) 2J विजयनगर के राजा विरूपात के शारकावुर के दानपत्र म ( ग. मं. १३०८ ई. स. १३८०). श्रा दू U ट ट । न प १, ड) 3 29२ 5) ८ oro F F u र ल a ति मि को कु g को. . w I ou ag y ? om E Bio y 29? GÁT. महामंडलेश्वर वाकमकामय के अंबकेश्वर के नख मे (श.नं १४३%3Dई.स. १४८२). r प श्रा ट ण न प च र 92.76 5/8L- com 55 Laugav 7 शा टि थि म बु पू 297 45607 469 2421 2000 2001 T. .