Plate LXVII. लिपिपत्र १७वां. मयुर। तथा तक्षशिला से मिले हुर लेखों से. (इ. स. पूर्व की पहिली शताब्दी मे ई म को पहिलो शताब्दी तक) r उ ए क क क क खु ग च च पचप राजुल के समय के मथुरा के मिहाकतिवाने नभमिरे के लेखों मे. ए श्री या 227272 217777777754h 53 Y क म ट न द घ न 9 प भ भ म म म थ Y Yss74SES33599ht tuurn प थ ल व म म ह घि दि रि हि nner4117099322 of 4 Z nassy T3 से जो मा हो ग्र च प्र न à म्ति म्तो म्य शि frondrrrr2 e 24h to 7 7 7 7 7 nng. नशिना में भिन्न हुए क्षचप पतिक के ताम्रनख में.. भ 3 U ग क ३ a घ न ब भ य र न न 7a7n5 48 Y 7 14 3 895un47792 नि विधि २ की माशी 7 4. thinzo 28 y nuqumbo 33 $ [7. तक्षशिला में मिम्ने हुए पत्थर के पात्रपर के नम्व में मप कि ति वि शि मि हि थु प २ ने तो वो य ✓ बु न प्र भ. -t it ny tits zyn 3 syy28 [127 -> 449 nanas .2^8 13977 Rth 577667787 M ZO us oy me gt py
पृष्ठ:भारतीय प्राचीन लिपिमाला.djvu/२९७
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