पृष्ठ:भारतेंदु नाटकावली.djvu/३७६

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पूर्व कथा

पूर्व काल में भारतवर्ष में मगधराज एक बड़ा भारी जनस्थान था। जरासंध आदि अनेक प्रसिद्ध पुरुवंशी राजा यहाँ बड़े प्रसिद्ध हुए है। इस देश की राजधानी पाटलिपुत्र अथवा पुष्पपुर थी। इन लोगो ने अपना प्रताप और शौर्य इतना बढाया था कि अाज तक इनका नाम भूमंडल पर प्रसिद्ध है। किंतु कालचक्र बड़ा प्रबल है कि किसी को भी एक अवस्था में रहने नहीं देता। अंत में नंदवंश* ने पौरवो को निकाल कर वहाँ अपनी जयपताका उड़ाई। वरंच सारे भारतवर्ष में अपना प्रबल प्रताप विस्तारित कर दिया।

इतिहास ग्रंथो में लिखित है कि एक सौ अड़तीस बरस नंदवंश ने मगध देश का राज्य किया। इसी वंश में महानंद का जन्म हुआ। यह बड़ा प्रसिद्ध और अत्यंत प्रतापशाली राजा हुआ। जब जगद्विजयी सिकंदर ( अलक्षेद्र ) ने भारतवर्ष पर चढ़ाई की थी तब असंख्य हाथी, बीस हजार सवार और दो लाख पैदल लेकर महानंद ने उसके


  • नंदवंश सम्मिलित क्षत्रियों का वंश था। ये लोग शुद्ध क्षत्रीय नहीं थे।