पृष्ठ:भारतेंदु नाटकावली.djvu/७१०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(३)

डिसलायल्टी--(भा० दु०)

दंडपाशिक--चंद्रगुप्त का नौकर--(मु० रा०)

दीर्घचक्षु--रक्षाधिकारी--(मु० रा०)

दुर्योधन--कौरव--(ध० वि०)

देवीसिंह--सिपाही--(नी० दे०)

द्मुमत्सेन--सत्यवान का पिता--(स० प्र०)

धनदास--वैष्णव--(प्रे० यो०)

धर्म--चांडालवेषधारी--(स० ह०)

धर्मराज--युधिष्ठिर--(ध० वि०)

नारद--ऋषि--(स० ह०, चं०, स० प्र०)

नारायण--त्रैलोक्य के स्वामी--(स० ह०)

नारायणदास--चेला--(अं० न०)

निपुणक--भेदिया--(मु० रा०)

नीलदेवी--सूर्यदेव की रानी--(नी० दे०)

पर्वतक--मलयकेतु का पिता--(मु० रा०)

पार्वती--महादेव की पत्नी--(स० ह०)

प्रियंवदक--सेवक--(मु० रा०)

पीकदान अली--(नी० दे०)

पुरुषदत्त--सेवक--(मु० रा०)

पुष्करनयन, पुष्कराक्ष--काश्मीर का राजा--(मु० रा०)