पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/७२१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सर ए. क्लार्क के. सी. एम. जी., सी. बी., गवरनर-जेनरल की काउंसिल के मेंबर । आनरेबल ई. बेली सी. एस. आई., गवरनर-जेनरल की काउंसिल के मेंबर । सर ए. आरबुधनाट के. सी. एस. आई., गवरनर-जेनरल की काउंसिल के मेंबर । नीचे लिखे हुए राजाओं को प्रथम श्रेणी के स्टार ऑव इंडिया (जी. सी. एस. आई.) की पदवी मिली :- श्रीयुत महाराज रामसिंह, बूंदी । " महाराज ईश्वरीप्रसादनारायण सिंह, बनारस । महाराज जसवन्त सिंह, भरतपुर । प्रिंस अजीमजाह बहादुर, आर्कट । इन लोगों को दूसरी श्रेणी के स्टार ऑव इंडिया (के. सी. एस. आई.) की पदवी मिली श्रीशिवाजी छत्रपति, राजा कोल्हापुर । राजा आनंदराव पवार, धारवाले । श्रीमानसिंहजी, राजा ध्रांगध्रा । श्रीविभवजी, जाम नवानगर । आर. जे. मैकडोनल्ड, श्रीमती के ईस्ट इंडीज की जहाजी फौजों के कमांडरिनचीफ । सर जॉर्ज कूपर सी. बी. पश्चिमोत्तर देश के लेफटेनेन्ट गवरनर । जेम्स स्टीवन साहिब, गवरनर जेनरल की काउंसिल के पहले मेंबर । आर्थर हाबहाउस साहिब, गवरनर-जेनरल की काउंसिल के मेंबर । ई.सी. बेली साहिब सी. एस. आई. गवर्नर-जेनरल की काउंसिल के मेंबर । तीसरे दरजे के स्टार ऑव इंडिया (सी. एस. आई.) की पदवी २५ आदमियों को मिली, जिन में मयुरा के सेठ गोविंद दास, कश्मीर के दीवान ज्वाला सहाय, और त्रावणकोर के दीवान शशिया शास्त्री को भी गिनना चाहिये । नीचे लिखे हुए राजाओं को उनके नाम के सामने लिखी हुई पदवियां मिलीं । महाराज गाइकवाड़ बड़ोंदा - । "फरजदे खास दौलते इंगलिशिया" (अंगरेजी सरकार के मुख्य बेटे) महाराज ग्वालियर - "हिसारमुस्सलतनत" (राज्य को तलवार) । महाराज कश्मीर 'इन्द्रमहेन्द्र बहादुर सिपरेसल्तनत" (राज्य की द्यल) महाराज अजयगढ़ "सवाई" महाराज बिजावर महाराज चरखारी – "सिपहदारुमुल्क' (देश के सेनापति) महाराज दतिया -"लोकेन्द्र' नीचे लिखे हुए सरदारों और रईसों को "महाराज' की पदवी अपनी जिन्दगी भर के लिए मिली आनंदराव पवार, धार के राजा । छत्र सिंह, समधर के राजा बहादुर । धनुर्जय नारायणभज देव, किलाक्योभार के राजा, उड़ीसा । देव्या सिंह देव, पुरी के राजा, उड़ीसा । जगेन्द्रनाथ राय, (राजा नाटौर के घराने की बड़ी औलाद) राजा ज्योतींद्र मोहन ठाकुर । कृष्णचंद्र, मोरभंज वाले, उड़ीसा । महीपत सिंह, पटना । आनरेबल राजा नरेन्द्रकृष्ण, कलकत्ता । राजा कृष्ण सिंह, सुसाँग के राजा । राजा रामनाथ ठाकुर, कलकत्ता । नीचे लिखी हुई रानियों को उनके जीवन समय के लिये"महारानी' की पदवी मिली दिल्ली दरबार दर्पण ६७७ "सवाई"