पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/९६७

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अथ उत्सवन पर रागन को अंगीकार सारंग टोडी गौरी जन्मोत्सव दान साँझी विजयदशमी रास कार्तिक मार्गशीर्ष पूस माघ फागुन दोल चैत बैशाख ज्येष्ठ आषाढ़ श्रावण जागने को समय शृंगार करती समय अरोगती समय दिन तीसरे पहर जन्मोत्सव सैन आरती वा कुजविहार एकांत विहार मारू केदार, कान्हरा तथा सर्व भैरो, ईमन कल्यान पंचम आसावरी मालकोस, बसंत धनाश्री, विहाग आदि सब राग हम्मीर सारंग पूर्वी मधु सारंग, केदार सारंग शुद्ध सामंतसारंग, गौड़ सोरठ मलार भैरव पंचम रामकली यथातु टोड़ी. आसावरी, सारंग, धनाश्री गौरी, पूर्वी, धनाश्री सारंग केदार, कान्हरा, ईमन विहार, सोरठ, परज, कलिंगड़ा अथ तंत्र मत सों सखीन को वर्णन १ स्वर्णवर्ण २ ३ ४ ५ ललिता चंद्रावती श्यामला चित्ररेखा श्रीमती चंद्रा हरिप्रिया मदनसुंदरी विशाखा प्रिया शैव्या मधुमती ६ रत्नाभरण श्वेत वस्त्र श्याम वस्त्र शुक्लांबर रक्त वर्ण नील वस्त्र लाल वस्त्र श्वेत वस्त्र पीत वस्त्र श्वेत वस्त्र श्याम वस्त्र पीतांबर मंजीर की सेवा मृदंगसेवा इफ की सेवा दासी की सेवा रबाब उपंग रबाब और गाना वंशी वंशी 19 ८ १० ११ १२ गाना शुद्ध वस्त्र चरन सेवा युगल सर्वस्व ९२३ 61