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भारत का संविधान

 

भाग ५—संघ—अनु॰ १३४–१३६

दंड विषयों सम्बन्धी
उच्चतमन्यायालय
का अपीलीय
क्षेत्राधिकार

[१]१३४. (१) भारत राज्य क्षेत्र में के किसी उच्चन्यायालय के किसी दंड-कार्यवाही में दिये हुए निर्णय, अन्तिम प्रदेश या दंडादेश की उच्चतमन्यायालय में अपील होगी यदि—

(क) उस उच्चन्यायालय ने अपील में किसी अभियुक्त व्यक्ति की विमुक्ति के आदेश को उलट दिया है तथा उसको मृत्यु-दंडादेश दिया है; अथवा
(ख) उस उच्चन्यायालय ने अपने अधीन न्यायालय से किसी मामले को परीक्षण करने के हेतु अपने पास मंगा लिया है तथा ऐसे परीक्षण में अभियुक्त व्यक्ति को सिद्ध-दोष ठहराया है और मृत्यु दंडादेश दिया है; अथवा
(ग) उच्चन्यायालय प्रमाणित करता है कि मामला उच्चतमन्यायालय में अपील किये जाने लायक है :

परन्तु उपखंड (ग) के अधीन होने वाली अपील ऐसे उपबन्धों के अधीन रह कर, जो अनुच्छेद १४५ के खंड (१) के अधीन उस लिये बनाये जायें तथा ऐसी शर्तों के अधीन रहकर जो उच्चन्यायालय द्वारा स्थापित या अपेक्षित की जायें, ही होगी।

(२) संसद् विधि द्वारा ऐसी शर्तों और परिसीमाओं के अधीन, जो ऐसी विधि में उल्लिखित की जायें, उच्चतमन्यायालय को भारत राज्य क्षेत्र में के किसी उच्चन्यायालय के दंडकार्यवाही में दिये गये किसी निर्णय अन्तिम आदेश अथवा दंडादेश की अपील लेने और सुनने की और भी शक्ति दे सकेगी।

वर्तमान विधि के
अधीन फेडरल-
न्यायालय का
क्षेत्राधिकार और
शक्तियों का
उच्चतमन्यायालय
द्वारा प्रयोक्तव्य
होना

[२]१३५. जब तक संसद् विधि द्वारा अन्यथा उपबन्ध न करे तब तक उच्चतम न्यायालय को भी किसी विषय के बारे में, जिस पर अनुच्छेद १३३ या अनुच्छेद १३४के उपबन्ध लागू नहीं होते, क्षेत्राधिकार और शक्तियाँ होंगी यदि उस विषय सम्बन्ध में इस संविधान के प्रारम्भ से ठीक पहिले किमी वर्तमान विधि के अधीन क्षेत्राधिकार और शक्तियाँ फेडरलन्यायालय द्वारा प्रयोक्तव्य थीं।

 

अपील के लिये
उच्चतमन्यायालय
की विशेष इजाजत
[३]१३६. (१) इस अध्याय में किसी बात के होते भी उच्चतमन्यायालय स्वविवेक से भारत राज्य क्षेत्र में के किसी न्यायालय या न्यायाधिकरण द्वारा किमी वाद या विषय में दिये हुए किसी निर्णय, आज्ञप्ति, निर्धारण, दंडादेश या प्रदेश की अपील के लिये विशेष इजाजत दे सकेगा।

(२) सशस्त्र बलों से सम्बद्ध किसी विधि के द्वारा या अधीन गठित किमी

न्यायालय या न्यायाधिकरण द्वारा पारित या दत्त किमी निर्णय, निर्धारण, दंडादेश या आदेश को खंड (१) की कोई बात लागू न होगी।


  1. जम्मू और कश्मीर राज्य को लागू होने में अनुच्छेद १३४, खंड (२) में "संसद्" शब्द के पश्चात "राज्य के विधान मंडल की प्रार्थना पर" शब्द अन्तः स्थापित किये जायेंगे।
  2. अनुच्छेद १३५ और १३६ जम्मू और कश्मीर राज्य को लागू न होंगे।
  3. अनुच्छेद १३५ और १३६ जम्मू और कश्मीर राज्य को लागू न होंगे।