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पृष्ठ:भारत का संविधान (१९५७).djvu/१७

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अनुच्छेद पृष्ठ संख्या

अध्याय ३—राष्ट्रपति की विधायिनी शक्तियां

१२३ संसद् के विश्रान्ति-काल में राष्ट्रपति की अध्यादेश प्रख्यापन शक्ति ४६

अध्याय ४—संघ की न्यायपालिका

१२४ उच्चतमन्यायालय की स्थापना और गठन ४७
१२५ न्यायाधीशों के वेतन आदि ४८
१२६ कार्यकारी मुख्य न्यायाधिपति की नियुक्ति ४८
१२७ तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति ४८
१२८ सेवा-निवृत्त न्यायाधीशों की उच्चतमन्यायालय की बैठकों में उपस्थिति ४९
१२९ उच्चतमन्यायालय अभिलेख-न्यायालय होगा ४९
१३० उच्चतमन्यायालय का स्थान ४९
१३१ उच्चतमन्यायालय का प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार ४९
१३२ किन्हीं मामलों में उच्चन्यायालयों से अपील में उच्चतम न्यायालय का अपीलीय क्षेत्राधिकार ५०
१३३ उच्चन्यायालयों से व्यवहार-विषयों के बारे की, अपीलों में उच्चतमन्यायालय का अपीलीय क्षेत्राधिकार ५०
१३४ दंड-विषयों में उच्चतमन्यायालय का अपीलीय क्षेत्राधिकार ५१
१३५ वर्तमान विधि के अधीन फेडरलन्यायालय का क्षेत्राधिकार और शक्तियों का उच्चतमन्यायालय द्वारा प्रयोक्तव्य होना ५१
१३६ अपील के लिये उच्चतमन्यायालय की विशेष इजाजत ५१
१३७ निर्णयों या आदेशों पर उच्चतमन्यायालय द्वारा पुनर्विलोकन ५२
१३८ उच्चतमन्यायालय के क्षेत्राधिकार की वृद्धि ५२
१३९ कुछ लेखों के निकालने की शक्ति का उच्चतमन्यायालय को प्रदान ५२
१४० उच्चतमन्यायालय की सहायक शक्तियां ५२
१४१ उच्चतमन्यायालय द्वारा घोषित विधि सब न्यायालयों को बन्धनकारी होगी ५२
१४२ उच्चतमन्यायालय की आज्ञप्तियों और आदेशों का प्रवृत्त कराना तथा प्रकटन आदि के आदेश ५२
१४३ उच्चतमन्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति ५३
१४४ असैनिक तथा न्यायिक प्राधिकारी उच्चतमन्यायालय की सहायता में कार्य करेंगे ५३
१४५ न्यायालय के नियम आदि ५३
१४६ उच्चतमन्यायालय के पदाधिकारी और सेवक तथा व्यय ५४
१४७ निर्वचन ५५