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भारत का संविधान

भाग १४-संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं
अनु० ३१६-३१७

(२) लोकसेवा-प्रायोग का सदस्य, अपने पद-ग्रहण की तारीख से छः वर्ष की अवधि तक अथवा यदि वह संघ-आयोग है तो, पैंसठ वर्ष की आयु को प्राप्त होने तक, तथा यदि वह राज्य-आयोग या संयुक्त आयोग है तो, साठ वर्ष की आयु को प्राप्त होने तक, जो भी इन में से पहिले हो, अपना पद धारण करेगा:

परन्तु—

(क) लोकसेवा-आयोग का कोई सदस्य, यदि वह संघ-आयोग या संयुक्त आयोग है तो, राष्ट्रपति को, तथा यदि वह, राज्य-आयोग है तो, राज्य के राज्यपाल [१]*** को सम्बोधित अपने हस्ताक्षर सहित लख द्वारा पद को त्याग सकेगा;
(ख) लोकसेवा-आयोग का कोई सदस्य अपने पद से अनुच्छेद ३१७ के खंड (१) या खंड (३) में उपबन्धित रीति से हटाया जा सकेगा।

(३) कोई व्यक्ति, जो लोकसेवा-आयोग के सदस्य के रूप में पद धारण करता है, अपनी पदावधि की समाप्ति पर उस पद पर पुननियुक्ति के लिये अपात्र होगा।

लोकसेवा-आयोग
के किसी सदस्य
का हटाया जाना
या निलम्बित
किया जाना
३१७. (१) खंड (३) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए लोकसेवा आयोग का सभापति या अन्य कोई सदस्य अपने पद से केवल राष्ट्रपति द्वारा कदाचार के आधार पर दिये गये उस आदेश पर ही हटाया जायेगा, जो कि उच्चतमन्यायालय से राष्ट्रपति द्वारा पृच्छा किये जाने पर उस न्यायालय द्वारा अनुच्छेद १४५ के. अधीन उस लिये विहित प्रक्रिया के अनुसार की गई जांच पर, उस न्यायालय द्वारा किये गये इस प्रतिवेदन के पश्चात, कि यथास्थिति सभापति या ऐसे किसी सदस्य को, ऐसे किसी आधार पर हटा दिया जाये, दिया गया है ।

(२) आयोग के सभापति या अन्य किसी सदस्य को, जिस के सम्बन्ध में खंड (१) के अधीन उच्चतमन्यायालय से पृच्छा की गई है, राष्ट्रपति, यदि वह संघ- आयोग या संयुक्त आयोग है, तथा राज्यपाल [१]*** यदि वह राज्य-यायोग है, उस को पद से तब तक के लिये निलम्बित कर सकेगा जब तक कि ऐसी पृच्छा की गई बात पर उच्चतमन्यायालय के प्रतिवेदन के मिलने पर राष्ट्रपति अपना आदेश न दे।

(३) खंड (१) में किसी बात के होते हुए भी यदि यथास्थिति लोकसेवा-आयोग का सभापति या कोई दूसरा सदस्य—

(क) दिवालिया न्यायनिर्णीत हो जाता है, अथवा
(ख) अपनी पदावधि में अपने पद के कर्तव्यों से बाहर कोई वैतनिक नौकरी करता है; अथवा
(ग) राष्ट्रपति की राय में मानसिक या शारीरिक दौर्बल्य के कारण अपने पद पर रहे पाने के लिये अयोग्य है,

तो सभापति या ऐसे अन्य सदस्य को राष्ट्रपति आदेश द्वारा अपने पद से हटा सकेगा।