द्वितीय अनुसूची
अनुच्छेद ५ (३), ६५ (३), ७५ (६), ९७, १२५, १४८ (३), १५८ (३), १६४ (५), १८६ और २२१
भाग क
राष्ट्रपति तथा [१]* * * राज्यों के राज्यपालों के लिये उपबन्ध
१. राष्ट्रपति तथा * * * राज्यों के राज्यपालों को निम्नलिखित उपलब्धियां प्रतिमास दी जायेंगी अर्थात्—
राष्ट्रपति को | १०,००० रुपया |
राज्य के राज्यपाल को | ५५०० रुपया |
२. राष्ट्रपति तथा [२]* * * राज्यों के राज्यपालों को ऐसे भत्ते भी दिये जायेंगे जैसे कि क्रमशः भारत डोमिनियन के गवर्नर जनरल को तथा तत्स्थानी प्रान्तों के गवर्नरों को इस संविधान के प्रारम्भ से ठीक पहिले दिये थे।
३. राष्ट्रपति तथा [३][राज्यों] के राज्यपाल को अपनी अपनी सम्पूर्ण पदावधि में ऐसे विशेषाधिकारों का हक्क होगा जैसे कि इस संविधान के प्रारम्भ में ठीक पहिले क्रमशः गवर्नर जनरल तथा तत्स्थानी प्रान्तों के गवर्नरों को था।
४. जब कि उपराष्ट्रपति अथवा कोई अन्य व्यक्ति राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन अथवा उस के रूप में कार्य कर रहा है अथवा कोई व्यक्ति राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन कर रहा है। वैसी ही उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकार का हक्क होगा जैसा कि यथास्थिति राष्ट्रपति या राज्यपाल को है जिस के कृत्यों का वह निर्वहन करता है अथवा यथास्थिति जिसके रूप में वह कार्य करता है।
भाग ग
७. लोक-सभा के अध्यक्ष तथा राज्य-सभा के सभापति को एम वेतन और भत्ते दिय जायेंगे जैसे कि भारत डोमीनियन की संविधान-सभा के अध्यक्ष को इस संविधान के प्रारम्भ से ठीक पहिले देय थे तथा लोक-सभा के उपाध्यक्ष को और राज्य-सभा के उपसभापति को ऐसे वेतन और भत्ते दिये जायेंगे जैसे कि भारत डोमीनियन की संविधान-सभा के उपाध्यक्ष को इस संविधान के प्रारम्भ से ठीक पहिले देय थे।
- ↑ "प्रथम अनुसूची के भाग (क) में उल्लिखित" शब्द और अक्षर संविधान (सप्तम संशोधन) अधिनियम, १९५६, धारा २९ और अनुसूची द्वारा लुप्त कर दिये गये।
- ↑ "इस प्रकार उल्लिखित" शब्द उपरोक्त क ही द्वारा लुप्त कर दिये गये।
- ↑ उपरोक्त के ही द्वारा "ऐसे राज्यों" के स्थान पर रखा गया।
- ↑ भाग (ख) संविधान (सप्तम संशोधन) अधिनियम, १९५६, उपरोक्त के ही द्वारा लुप्त कर दिया गया।
- ↑ "प्रथम अनुसूची के भाग (क) में के शब्द" और अक्षर उपरोक्त के ही द्वारा लुप्त कर दिये गये।
- ↑ उपरोक्त के ही द्वारा "ऐसे किसी राज्य" के स्थान पर रखा गया।