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भारत का संविधान
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सप्तम अनुसूची

७१. संघ-निवृत्ति-वेतन, अर्थात् भारत सरकार द्वारा या भारत की संचित निधि में से दिये जाने वाले निवृत्ति-वेतन।

[१]७२. संसद् और राज्यों के विधान मंडलों के लिये तथा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिये निर्वाचन; निर्वाचन-आयोग।

७३. संसद के सदस्यों, गज्य-सभा के सभापति और उपसभापति तथा लोक-सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते।

७४. संसद के प्रत्येक सदन की तथा प्रत्येक सदन के सदम्यों और समितियों की शक्तिय विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ, संसद् की समितियों अथवा संसद द्वारा नियुक्त आयोगों के सामने साक्ष्य देने या दस्तावेज पेश करने के लिये व्यक्तियों की उपस्थिति बाध्य करना।

७५. राष्ट्रपति और राज्यपालों की उपलब्धियां, भत्ते, विशेषाधिकार तथा अनुपस्थिति-छुट्टी के बारे में अधिकार, संघ के मंत्रियों के वेतन और भत्ते, नियन्त्रक-महालेखापरीक्षक के वेतन, भत्ते और अनुपस्थिति-छट्टी के बारे में अधिकार तथा अन्य सेवा शर्ते।

[१]७६. संघ के और राज्यों के लेखाओं की लेखापरीक्षा।

७७. उच्चतमन्यायालय का गठन,संघटन, क्षेत्राधिकार और शक्तियां (जिस के अन्तर्गत उस न्यायालय का अवमान भी है) तथा उसमें ली जाने वाली फीसें; उच्चतमन्यायालय के सामने विधि-व्यवसाय करने का हक्क रखने वाले व्यक्ति।

[२]७८. उच्चन्यायालयों के पदाधिकारी और सेवकों के बारे के उपबन्धों को छोड़ कर उच्चन्यायालयों का गठन और संघटन; उच्चन्यायालयों के सामने विधि-व्यवसाय करने का हक्क रखने वाले व्यक्ति।

[३]७९. [[२]किसी संघ राज्य-क्षेत्र में या से किसी उच्चन्यायालय के क्षेत्राधिकार का विस्तार अथवा किसी उच्चन्यायालय के क्षेत्राधिकार का अपवर्जन।]

८०. किसी राज्य के आरक्षी बल के सदस्यों की शक्तियां और क्षेत्राधिकार का उस राज्य में न होने वाले किसी क्षेत्र पर विस्तार, किन्तु इस प्रकार नहीं कि एक राज्य की आरक्षी, उस राज्य में न होने वाले किसी क्षेत्रमें बिना उस राज्य की सरकार की सम्मति के, जिसमें कि ऐसा क्षेत्र स्थित है, शक्तियां और क्षेत्राधि-कार का प्रयोग कर सके; किसी राज्य की आरक्षी बल के सदस्यों की शक्तियां और क्षेत्राधिकार का उस राज्य से बाहर रेल-क्षेत्रों पर विस्तार।

[४]८१. अन्तर्राज्यीय प्रव्रजन; अन्तर्राज्यीय निरोधा।

८२. कृषि आय को छोड़ कर अन्य आय पर कर।

८३. सीमा शुल्क जिसके अन्तर्गत निर्यात-शुल्क भी है।

८४. भारत में निर्मित या उत्पादित तमाकू तथा—

(क) मानव उपभोग के मद्यसारिक पानों,

  1. १.० १.१ जम्मू और कश्मीर राज्य को लागू होने में राज्यों के प्रति निर्देश का यह अर्थ न किया जायेगा कि वह उस राज्य के प्रति निर्देश है।,
  2. २.० २.१ जम्मू और कश्मीर राज्य को लागू न होगी।,
  3. संविधान (सप्तम संशोधन) अधिनियम, १९५६, धारा २९ और अनुसूची द्वारा प्रतिस्थापित।
  4. जम्मू और कश्मीर राज्य को लागू होने में मद ८१ में "अन्तर्राज्यीय निरोधा" शब्द लुप्त कर दिये जायेंगे।