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भारत का संविधान
भाग ३—मूल अधिकार—अनु॰—३५.
व्याख्या.—"प्रवृत्त विधि" पदावलि का जो अर्थ इस संविधान के अनुच्छेद ३७२ में है वही इस अनुच्छेद में भी होगा।[१]
- ↑ स्थायी निवासियों
और उनके अधि-
कारों विषयक
विधियों की व्यावृत्ति जम्मू और कश्मीर राज्य को इसके लागू होने में अनुच्छेद ३५ के पश्चात् निम्नलिखित नया अनुच्छेद अन्तःस्थापित किया जायेगा, अर्थात्—
"३५क. इस संविधान में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी जम्मू और कश्मीर राज्य में—
- (क) उन व्यक्तियों के वर्गों को परिभाषित करने वाली, जो कि जम्मू और कश्मीर राज्य के स्थायी निवासी हैं, या होंगे, या
- (ख) (i) राज्य सरकार के अधीन नौकरी,
- (ii) राज्य में स्थावर सम्पत्ति के अर्जन,
- (iii) राज्य में बस जाने, या
- (iv) छात्र वृत्तियों और ऐसे अन्य रूपों की सहायता के, जैसे कि राज्य सरकार उपबन्धित करे, अधिकार
- विषयक कोई विशेष अधिकार और विशेषाधिकार ऐसे स्थायी निवासियों को प्रदत्त करने या कोई निर्बन्धन अन्य व्यक्तियों पर अधिरोपित करने वाली,
- विषयक कोई विशेष अधिकार और विशेषाधिकार ऐसे स्थायी निवासियों को प्रदत्त करने या कोई निर्बन्धन अन्य व्यक्तियों पर अधिरोपित करने वाली,