पृष्ठ:भारत का संविधान (१९५७).djvu/९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

[iii]


अनुच्छेद पृष्ठ संख्या

सांविधानिक उपचारों के अधिकार

३२ इस भाग द्वारा दिये गये अधिकारों को प्रवर्तित कराने के उपचार १६
३३ इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों के लिये प्रयुक्ति की अवस्था में, रूपभेद करने की संसद की शक्ति
१६
३४ जब किसी क्षेत्र में सेना-विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा दिये गये अधिकारों पर निर्बन्धन
१६
३५ इस भाग के उपबन्धों को प्रभावी करने के लिये विधान १७

भाग ४

राज्य की नीति के निदेशक-तत्त्व

३६ परिभाषा १९
३७ इस भाग में वर्णित तत्त्वों की प्रयुक्ति १९
३८ लोक-कल्याण की उन्नति के हेतु राज्य सामाजिक व्यवस्था बनायेगा
१९
३९ राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति-तत्त्व १९
४० ग्राम-पंचायतों का संघटन १९
४१ कुछ अवस्थाओं में काम, शिक्षा और लोक-सहायता पान का अधिकार
२०
४२ काम की न्याय तथा मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति-सहायता का उपबन्ध
२०
४३ श्रमिकों के लिये निर्वाह-मंजूरी आदि २०
४४ नागरिकों के लिये एक समान व्यवहार-संहिता २०
४५ बालकों के लिये निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबन्ध २०
४६ अनुसूचित जातियों, आदिमजातियों तथा अन्य दुर्बल विभागों के शिक्षा और अर्थ सम्बन्धी हितों की उन्नति
२०
४७ आहार पुष्टि-तल और जीवन-स्तर को ऊंचा करने तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य
२०
४८ कृषि और पशुपालन का संघटन २०
४९ राष्ट्रीय महत्त्व के स्मारकों, स्थानों और चीजों का संरक्षण २०
५० कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण २१
५१ अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा की उन्नति २१

भाग ५

संघ

अध्याय १––कार्यपालिका

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति

५२ भारत का राष्ट्रपति २२
५३ संघ की कार्यपालिका शक्ति २२
५४ राष्ट्रपति का निर्वाचन २२