पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२८६

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साम्राज्य विस्तार

सन् २००९ संग्राम साम्राज्य विस्तार पढ़ाई करने का इरादा किया। कोयल से उसने १ सितम्बर सन् १८०३ को मार्किस बेल्सली के नाम एक अलीगढ़ का और प्राइवेट" पत्र लिखा, जिसमें ये वाक्य आते हैं- "मैं अभी तक इस जगह से नहीं हिला, और न अभी अबीगढ़ का किला मेरे हाथों में पाया है। मेरा अश्य यह है कि रिशवत के कर रस हिले के अन्दर की सेना को किले से बाहर निकाल लूँ और मुझे विश्वास है, मैं इसमें सफल हूंगा।x x x यह किला अत्यन्त ही मजबूत है, और यदि इसका विधिवत् मुहासरा किया गया तो कम से कम एक महीना खग जायगा।xxx इसलिए यदि थोड़ा सा धन प्रर्च करके मैं अपने क्लेमती भादमियों की जानें बचा सकूँ, तो आप मुझे अपराधी या प्रजनन म समझंगे।" फिर भी अलीगढ़ के किले की हिन्दोस्तानी सेना नामक हलाल साबित हुई। ४ सितम्बर को लेक ने गवरनर जनरल को फिर लिखा:- ___ "जैसा मैंने भापको पहली तारीख के पत्र में लिखा था, उसके मुताबिक मैंने हर तरह से समझा कर प्रयत्न किया कि ये लोग क्रिया छोड़ दें, और • "I have not yet moved from hence, nor am I in possession of the fort ot Allygurb, my objects toget the troops out of the fort by brodery, which IBatter myself well be done. The place is extremely strong, and at regularly besieged, will take a month at least . . Therefore, at by a little money, I can save the lives of these valuable men, Your Lordship will not think I have acted wrong, or been too lavish ot cash."-General Lake's Letter to Maequess wellesley, marked "Private" dated Coel, September 1st 1803.