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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/३०७

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भारत में अंगरेज़ी राज

भातर में अंगरेजी राज इस तरह की काररवाई करे, जिससे जसवन्सराव होलकर कान कम हो और काशीराव होलकर को अपने अधिकार फिर से प्राप्त हो जायें। xxxसम्भव है कि पेशवा इस समय जसवन्तराव की सत्ता को कम करने या काशीराव को फिर से उसका पैतृक राज दिलवाने के लिए उत्सुक न हो । किन्तु यह माशा की जा सकती है कि काशीराव को फिर से गद्दी पर बैठाने और जसवन्त राव को दण्ड देने की इस योजना पर पेशवा को सुगमता से राजी किया जा सकेगा ।xxx "असवन्तराव होलकर की पराक्रमशीलता, उसके युद्ध कौशल और उसकी महत्वाकांपाओं को देखासे हुए हिन्दोस्तान में पूरी तरह शान्ति कायम करने के लिए यह मावश्यक प्रतीत होता है कि उसकी शक्ति को कमजोर कर दिया जाय।" अंगरेज़ों को उस समय भारत में अपना साम्राज्य मजबूत करना था; इसी लिए वे भारत के अन्दर और विशेषकर मराठा साम्राज्य के अन्दर किसी भी बीर और पराक्रमी नरेश को न रहने दे सकते थे। दूसरी ओर मार्किस वेल्सली इतनी जल्दी जसवन्तराव से . लड़ने के लिए भी तैयारन था। वह जसवन्तराव जसवन्तराब को " को अभी कुछ समय और धोखे में रखना चाहता था। इसी पत्र में उसने आगे चल कर लिखा- “यदि हम इसी समय काशीराव होलकर को उसकी पैतृक गद्दी पर फिर से बैठाने का प्रयत्न करेंगे तो हमें बहुत अधिक कठिनाई और भापत्ति का सामना करना पड़ेगा । किन्तु यदि हम अभी उतने देश के अपर जितने पर वा