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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/४७६

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भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज भारत का माल मुफ्त में या कौड़ियों के दाम मिलने लगा, और ___ बंगाल, करनाटक, अवध और अन्य प्रान्तों से पाल का लूट खजाने लद लद कर इंगलिस्तान जाने लगे। इस अपूर्व लूट के कारण इंगलिस्तान के पिछड़े हुए उद्योग धन्धों को उन्नति करने का अवसर मिला 18 बेन्स नामक एकयूरोपियन लेखक लिखता है कि सन् १७६० तक इङ्गलिस्तान में सूत कातने इत्यादि के यन्त्र अत्यन्त प्रारम्भिक और अनघड़ थे * वाट नामक अंगरेज़ ने सन् १७६८ में पहली बार भाप की शक्ति (स्टीम पावर) के उपयोग का आविष्कार किया और स्टीम एञ्जिन की ईजाद की। बङ्गाल की लूट के धन ने इस तरह की ईजादों को सफल होने का मौका दिया। ब्रुक्स ऐडम्स लिखता है कि -"यदि वाट ५० साल पहले पैदा हुआ होता तो वह और उसकी ईजाद दोनों साथ ही साथ मर जाते । शायद दुनिया के शुरू से अब नक कभी भी किसी भी पूँजी से इतना लाभ नहीं उठाया गया जितना कि भारतवर्ष की लूट से, क्योंकि करीब ५० वर्ष तक इङ्गलिस्तान का मुकाबला करने वाला कोई न था। xxx१७६० और १८१५ के बीच (इङ्गलिस्तान के उद्योग- धन्धों ने) बड़ी तेजी के साथ आश्चर्यजनक उन्नति की।"+ • The Law of Civilization and Decay, by Brooks Adams, PP 263-64 +". . . had Watt lived fifty years earlier, he and his invention must have pernshed together Possibly since the world began, no investment has ever yielded the profit reaped from the Indian plunder, because for nearly fifty years Great Britain stood without a competitor Between 1760 and 1815 the growth was very rapid and prodigious "--The Law of Crvilization and Decay, pp 263, 264