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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/१७

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भारतीय कला और मुसलमान निर्माण कला-दो कलाओं का प्रालिगन-मुग़लों के समय में भारतीय चित्रकला की उन्नति । पृष्ठ १३४-१३६ मुगलों का समय यूरोप पर मुग़लों के हमले-भारत पर मुग़लों के हमले-भारत मे एक केन्द्रीय सत्ता की जरूरत-मुग़लों द्वारा उसका निर्माण- एक भाषा-एक शासन पद्धति-~-एक से सिक्के --इतिहास कला-दूसरे देशों से सम्बन्ध-धार्मिक और सामाजिक एकता-प्राम पंचायते- किसानों की अवस्था---मुग़लों की प्रजा पालकता-न्याय शासन-धार्मिक उदारता-औरंगजेब के दस्तखती परवाने-शराब बन्दीग्राम पंचायते- उस समय का ईसाई यूरोप-~-भारत और यूरोप की तुलना-देशी भाषाश्रो की उन्नति-साहित्य और विज्ञान की उन्नति--सम्राट अकबर-उस समय की हिन्दू मुसलिम संकीर्णता-दारा शिकोह और औरंगजेब-औरंगजेब के बाद पृष्ट १३६-१८३ अंगरेजों का आना उस समय के अंगरेज़ व्यापारी-उनकी सफलता के कारण हमारी पराजय के तीन कारण-दोनों के चरित्र में अन्तर-भारतवासियों के चरित्र का नाश। पृष्ठ १८४-१६८ हमारा कर्तव्य भारतवासियों के लिये उपाय-अंगरेजी राज कव से स्वाधीनता के प्रयत्न-ब्रिटिश साम्राज्य की हालत-हमारे नैतिक आदर्श-एक मानव धर्म की आवश्यकता-सत्याग्रह और असहयोग-मारा भविष्य । पृष्ठ १६८-२०८