पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/३८९

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मीर जाफ़र

मीर जाफर १३१ समझते हैं कि हमारी इस तरह की तजवीज़ के रास्ते में जितनी रुकावटें डाली जा सकती हैं, सब अवश्य डाली जावेंगी।xxx "xx x इस सम्बन्ध में अपनी तमाम इच्छाओं की पूर्ति को पक्का कर लेने का एक ऐसा अच्छा मौका इस समय हमारे सामने है कि जैसा शायद फिर कभी न आ सके, इस मौके से शक्ति और अधिकार दोनों हमें मिल सकते है। “दूमरी मुख्य बात, जो हमें अपनी अाज कल की नीति बदलने पर विचार करने के लिए मजबूर करती है, धन की कमी है। यह कमी केवल इम तक ही परिमित नहीं, बल्कि नीचे लिखी चीजें भी बहुत दर्जे तक उसी पर निर्भर हैं :- "समुन्द्रतट की काररवाइयो, "पुदुचरी ( पौरिखचरी) का विजय करना, और "अगले साल [अम्बई, मद्रास और कलकत्ता] तीनों प्रान्तों से माद लाद कर इंगलिस्तान जहाज़ भेजने के लिए पहले से धन का प्रबन्ध ।"* यह बात ध्यान में रहनी चाहिए कि उस जमाने में इंगलिस्तान और हिन्दोस्तान के बीच की तिजारत का अर्थ यह नहीं था कि इंगलिस्तान का बना हुआ कोई माल हिन्दोस्तान में लाकर बेचा Our mluener increasing frun ture to time since tue resolution bronght about by (olonel Cliye, so hast we haen ouhged ro HirTease our forts to support that infistence He have now more than a thousand Europeans, and five thousalid Sepors, which with thr contingent Prinsan of 22. orry, is far more than the revenues .llotea for ther malntena.ce "Ir must therefore be proposed to tre Nawab, to A grh to the CUTY1- rany amach larger income, and to assige it in such a full and ample manner.