पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/४८२

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भारत में अंगरेज़ी राज

२२० भारत में अंगरेजी राज हिन्दोस्तानी कर्मचारियों के हाथों में रहे, असली मालिक अंगरेज रहे । वे ही मालगुजारी बसूल करें, वे ही बाहर के हमलों और भीतर के विद्रोहों से तीनों प्रान्तों की रक्षा करें, जंग करें और सन्धियाँ कर; किन्तु अंगरेजों की यह बादशाहत जन सामान्य की आँखों से छिपी रहे, अंगरेज़ इस तरह नवाथ के नाम पर और सुग़ल सम्राट के दिए हुए अधिकार से शासन करते रहे !" क्लाइब को उस समय तक यह मालूम न था कि अंगरेज़ों ने . नजमुद्दौला को नवाब मान लिया है। उसकी क्लाइव की तजवीज़ यह थी कि मीर जाफर के छ साल के तजवीज़ एक पोते को मुर्शिदाबाद की मसनद पर बैठाकर उसके नाम पर अपनी यह सारी योजना पूरी की जावे। मई सन् १७६५ में क्लाइव कलकत्ते पहुँचा । यहाँ अाकर जव उसने सुना कि स्पेन्सर और उसके साथियों ने नजमुद्दौला को नवाब स्वीकार कर लिया और इस सौदे मे बीस लाख रुपए नकद अपनी जेवों में भर लिए, तो क्लाइव को बड़ा क्रोध आया। किन्तु ___ws deliglatil at the ners Hemas an uotu, to introduce the iew 1sten tor the rurument of the Reengal provinces which he lind unfolded in Pitt more than tatin 11216 hcfort Fle woulti st t up a new Vawab who should be only to upher He swould leave the administration in the hurts of nattse otherals The English were to be the real misters , they were to take over the revenues, defend tle three provinces tom 101 Asion and ___in irrertron make Wir and conclude [Perce But th Sovereigns of the English u as to be hidden irom the public et Ther were to rule only ir _the time of the Tanab end under the authority of the Mochul Emperor ___ httle : Earty Resords of British India pr 324, 330