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भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज दिया जाता है। इनका उद्देश था बंगाल के राज शासन से धीरे धीरे भारतीय अंश को मिटा देना । कम्पनी के डाइरेक्टर अब वारन हेस्टिंग्स पर बार वार जोर दे रहे थे कि जिस तरह हो सके अधिक से अधिक निरपराध रुहेलों लो धन भारतसे वसूल करके इंगलिस्तान भेजा जावे। का संहार वारन हेस्टिंग्स ने भी, लार्ड मैकॉले के शब्दों में --"चाहे ईमानदारी से हो और चाहे बेईमानी ने, जिस तरह हो सके, धन बटोरने का निश्चय कर लिया।"* देश की स्थिति का उसे पूरा ज्ञान था और सूझ की भी उसमें कमी न थी। सब से पहले वारन हेस्टिंग्स की नज़र रुहेलखण्ड की ओर गई। अवध की उत्तर-पच्छिम सरहद पर रुहेले पठानों का स्वतन्त्र राज था । इतिहास लेखक मिल लिखता है :- ___"एशिया भर में जिन देशों का शासन सबसे अच्छा था, उनमें से एक रुहेलखण्ड का इलाका था । वहाँ की प्रजा सुरक्षित थी, उनके उद्योग धन्धों को राज की ओर से सहायता दी जाती थी और देश में बराबर खुशहाली बढती जाती थी। इन उपायों द्वारा और अपने पड़ोसियों का देश विजय करने के स्थान पर यलपूर्वक सबके साथ मेल जोल बनाए रख कर उन लोगों ने अपनी स्वाधीनता को कायम रखा था।"

  • “ The object of Mr Hastings' diplomacy was at this time simply to

get money by some means, fur or fou!-Critical anml Historical Essays by Lord Macaulay, val 13, p 244 +" Thear territory was one of the best governea in Asia, the people were protected, their industry encouraged, and the country fhourashed steadily