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वारन हेस्टिंग्स २६३ मुकदमा चलाया गया। किन्तु अन्त में इंगलिस्तान के शासकों ने यह कहकर कि "उसके जुर्मों का केवल प्रगट हो जाना ही काफी है" उसे साफ़ छोड़ दिया। भारत में अंगरेजी राज की जड़ें इस प्रकार पक्की की गई।
वारन हेस्टिंग्स २६३ मुकदमा चलाया गया। किन्तु अन्त में इंगलिस्तान के शासकों ने यह कहकर कि "उसके जुर्मों का केवल प्रगट हो जाना ही काफी है" उसे साफ़ छोड़ दिया। भारत में अंगरेजी राज की जड़ें इस प्रकार पक्की की गई।