पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/५८४

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SM- नवाँ अध्याय जन्म हैदरअली पिछले अध्याय में हम हैदरअली और अंगरेजो की लड़ाइयों को ओर इशारा कर चुके हैं। सच यह है कि हदरअला का बैटरअली से बढकर बहादर, होशियार और खौफनाक शत्रु अंगरेजों को भारत के अन्दर दूसरा नहीं मिला । जिस तरह नाना फड़नवीस ने अपनी नोतिज्ञता द्वारा उसी तरह हैदरअली ने जीवन भर अपनी तलवार द्वारा अंग- रेजों को भारत से निकालने का प्रयत्न किया । इसलिए अंगरेज़ों और हैदरअली की लड़ाइयों का बयान करने से पहले हैदरअली के जीवन और उसके अद्भुत चरित्र कोसंक्षेप में बयान करना ज़रूरी है। ___ हैदरअली का जन्म किसी राजघराने में न हुआ था। उसका प्रपितामह वली मोहम्मद एक मामूली मुसलमान फ़कीर था, जो