पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/५८६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
३१०
भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज दुनिया से सम्बन्ध हो तो भी वे उन सम्बन्धों को छोड देने और दुनिया से सारूतुन तोड़ लेने में ही फख्न करते हैं।" निस्सन्देह हैदरअली के पितामह और प्रपितामह दोनों सच्चे फकीर थे। जब तक शेख अली जिन्दा रहा उसके बेटे उसके साथ रहे । सन् १६६५ ईसवी में शेख अली की मृत्यु हुई ! बड़ा बेटा शेख इलियास बाप का उत्तराधिकारी हुा। सबसे छोटे बेटे का नाम फतह मोहम्मद था। फ़तह मोहम्मद अपने बड़े भाई की इच्छा के खिलाफ अरकाट के नवाब सआदतउल्ला खाँ की फौज में जमादार हो गया । फ़तह मोहम्मद ने एक दूसरे मुसलमान फ़कीर तंजोर के पीरजादा बुरहानुद्दीन की लड़की के साथ विवाह कर लिया। इस स्त्री से फ़तह मोहम्मद के दो लड़के हुए । एक का नाम शहबाज़ और दूसरे का हैदरअली था। हैदरअली का जन्म सन १७२० ईसवी के करीब हुना। आज से दो सौ साल पहले अधिकांश भारत में हिन्दू और मुसलमानों का सामाजिक जीवन एक विचित्र ढंग से परस्पर गुथा हुआ था। हैदरअली की एक फ़ारसी जीवनी से पता चलता है कि हैदर के जन्म के समय हिन्दू ज्योतिषियों ने उसकी जन्मपत्री तैयार की। हैदर 'सिंह' राशि में पैदा हुआ था, इसलिए ज्योतिषियों ही की राय से उसका नाम हैदर ( शेर ) अली रक्खा गया । ज्योतिषियों ही ने पेशीनगोई की कि नवजात बालक एक M Hzssel AltKhan Kirman, translated History of Hrael Nak- fles, pb by Cof