पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/५९३

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हैदरअली

Bा हैदरअली तमाम सिपाहियों को छै छ महीने का वेतन इनाम में दिया, गरीबो और साधुओं में भोजन, वस्त्र, धन बटवाया और वेदनूर का नाम बदलकर हैदरनगर रख दिया। इसके बाद और भी नए नए प्रान्तों को विजय कर हैदरअली ने मैसूर राज की सीमा को बढ़ाया और वहाँ के शासन को सुदृढ़ और व्यवस्थित रूप दिया। मराठे भी चारो ओर अपना साम्राज्य बढ़ाने के प्रयलों में लगे हुए थे। चार बार उन्होंने मैसूर पर हमला किया, किन्तु इन हमलों से मराठों को कोई खास लाभ न हो सका । हैदरअली का बल कुछ कम न था। वह कभी लड़कर और कभी थोड़ा बहुत ज़र ज़मीन देकर मराठों से छुटकारा पाता रहा । अन्त में जो थोड़ा बहुत इलाका मराठों ने इस तरह हैदरअली का ले लिया था वह भी उन्हें वापस लौटा देना पड़ा और दोनों को अपने अपने हित के लिए एक दुसरे के साथ सन्धि करनी पड़ी। किसी भी स्वाधीन भारतीय नरेश के इस प्रकार बढ़ते हुए बल को अंगरेज़ गवारा न कर सकते थे। वे तरह अंगरेजों के साथ हैदरअली को कुचलने को तदवीरे करने पहली लड़ाई लगे। हैदरअली के साथ उनका पहला युद्ध सन् १७१७ में शुरू हुआ । छेड़छाड़ अंगरेजों की ओर से हुई। अंगरेजों ने बिला वजह उस साल हैदर के बारामहल के इलाके पर हमला कर दिया। करनाटक के नवाव मोहम्मदअली के साथ हैदर अलो की इससे पहले खासी मित्रता थी। अंगरेजो ने करनाटक के नवाब