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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/६२४

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३४४
भारत में अंगरेज़ी राज

३४४ भारत में अंगरेजी राज को शहर और उसके आसपास के इलाके का सूबेदार नियुक्त कर दिया। शहर के अधिकांश कर्मचारियों को अपने अपने ओहदों पर बहाल रक्खा और किले की मरम्मत तथा रक्षा और नगर के शासन का उचित प्रबन्ध कर दिया। __ हैदर की विजयों की एक विशेषता यह थी कि वह जिन इलाकों को फतह करता था वहाँ के किनों की मरम्मत, हिफाज़त और शासन का प्रबन्ध करके आगे बढ़ता था। हैदर हर जगह इस बात का खास इन्तज़ाम रखता था कि उसके सिपाही प्रजा के ऊपर किसी तरह का अत्याचार न करें। वह अकसर विजय के बाद गरीबों, साधुश्री और धार्मिक संस्थाओं में धन तकसीम किया करता था। यही व्यवहार हैदर के अन्य सेनापतियों का होता था। जिन अनेक स्थानों और किलो को अरकार की विजय से । पहले और उसके बाद, हैदर की सेना ने अंगरेज़ो हैदर अली नौर टीपू की अनेक विजय सना सेना से एक दूसरे के बाद विजय किया उन सब का बयान यहाँ कर सकना नामुमकिन है। हैदर के सेनापति मीर मुइउद्दीन ने दस दिन के मोहासरे के बाद चितोर के किले को फतह किया और फिर चन्द्रगिरि के किले को जीत कर नवाब मोहम्मदअली के भाई अब्दुलवहाब खाँ को कैद किया। टीपू ने एक महीने के अन्दर महीमण्डलगढ़, कैलाशगढ़, सातगढ़ इत्यादि अनेक मज़बूत किले फतह किए। टीपू हर जगह अपने बाप के समान किले की पराजित सेना से