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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/७०८

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भारत में अंगरेज़ी राज

४२४ भारत में अंगरेज़ी राज इंगलिस्तान की इन सेवाओं के बदले में सर जॉन शोर को अक्तूबर सन् १७६७ में 'लॉर्ड टेनमाउथ' की उपाधि मिली 1 मार्च सन् १७६५ में वह इंगलिस्तान लौट गया। अपने समय में वह 'पका ईसाई' मशहूर था, और रम नीति में वारन हेस्टिंग्स उसका भादर्श या। निस्सन्देह या स्तान के लिए उसकी सेवाएँ क्लाइव और साल की सवाओं के मुकाबले को थीं। . . We are obliged entirely to condemn the whole tenor of Oudh negotrathons."---Sir Henry Lawrence in the Calcretta Revters for Tanuary,1845