पृष्ठ:भूगोल.djvu/१२१

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१२० भूगोल [वर्ष १६ रतलाम के राजा सूर्यवंशी राठौर हैं। मारवाड़ (जोधपुर) (फारस ) और उजवेक सीमा प्रान्त को लड़ाइयों में भी के प्रसिद्ध राजा मालदेव (१५३२-८४) ( जो सम्राट अकबर बड़ी वीरता दिखलाई। के समकालीन थे) के बाद उदयसिंह मारवाद के राजा हुए। फतेहाबाद की लड़ाई में राजा रत्नसिंह ने अपूर्व वीरता उदयसिंह के बाद १५६५ से १६२० तक राजा सूरजसिंह ने दिखलाई । इसी युद्ध में उनका देहान्त हो गया। आगे चल राज किया । राजा सूरजसिंह ने अपने छोटे भाई दलपतसिंह कर कुछ औरङ्गजेब के कोप से और कुछ मरहठों के हमलों को झालोर, बलहेरा, खेरदा और पिसागुन की जागीर से रतलाम राज्य का विस्तार बहुत कम हो गया। सौंप दी। दलपतिसिंह के बाद राजा महेशदास झालोर रतलाम के राजा छत्रसाल ने औरगजेब का साथ की गद्दी पर बैठे। उन्होंने सम्राट जहाँगीर को अपनी दिया और गोलकुण्डा और बीजापुर की लड़ाइयों में बड़ी सेवाओं से बहुत प्रसन्न किया । दौलताबाद के किले को वीरता दिखलाई । १८०० ई. के बाद एक विचित्र अराज- जीतने में उन्होंने बड़ी वीरता दिखलाई। उनके दो भाई कता फैली । होल्कर और धार के राजा की ओर से यहाँ मारे गये, वे स्वयं घायल हो गये। इससे उनकी जागीर हमले हुए और फसलें नष्ट हो गई। उधर सिन्धिया महाराज बहुत बढ़ गई । उनको फुलिया में ८४ गाँव और जहाजपुर की फ्रोजे कर वसूल करने के लिये चढ़ आई। १८१६ में में ३२५ गाँव मिले। वे सेह हजारी (३,००० घुड़सवारों यह राज्य अगरेजी कम्पनी की छत्रछाया में आ गया। के सेनापति ) बना दिये गये। १६४४ में लाहौर में उनकी राजा बलवन्तसिंह ( १८२५.५७ ) बड़े विद्या प्रेमी थे। मृत्यु हो गई। रजीतसिंह (१८६४-६३) को डेली कॉलेज महेशदास के बड़े बेटे रत्नसिंह ने रतलाम राज्य की इन्दौर में शिक्षा मिली थी। उनके मरने पर राजा सज्जनसिंह नींव डाली । कहा जाता है कि १२ वर्ष की उम्र में यह दिल्ली ने यहाँ राज्य किया। पहुँचे । एक मस्त हाथी दिल्ली की सड़क पर बड़ा ऊधम इस राज्य की जन-संख्या १०७,३२१ है, सालाना आय मचा रहा था। लोग डर कर इधर-उधर भाग रहे थे। यह दस लाख रुपया है। यहाँ के वर्तमान नरेश मेजर जनरल अकेले कटार ले कर उसके सामने आया और उसे मार हिज हाईनेस महाराजा सर सज्जनसिंह, जी० सी० आई० ई०, डाला। यह देख कर सम्राट शाहजहाँ बहुत प्रसन्न हुए। ( राठौर, राजपूत ) हैं। आप चैम्बर ऑफ़ प्रिन्सेज के सदस्य उनको एक बड़ी जागीर दे दी। राजा रत्नसिंह ने खुरासान हैं और आपको २३ तोपों की सलामी दी जाती है। रा int COP