पृष्ठ:भूगोल.djvu/१६३

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Pea भूगोल [वष १६ समय भी यहाँ के राजा ने भारत सरकार की सहायता राज्य की मुख्य उपज गेहूँ, चना, चावल, और लिये सरहद पर सेना भेजी। मक्का है। यहां बहुमूल्य लकड़ी पाई जाती है। नाहन में ईख पेरने की एक मिल है । भारतीय सेना में भरती वर्तमान समय में यहां के नरेश लेफ्टिनेन्ट कर्नल होने के लिये यहां से सैनिक आते हैं। हिज़ हाईनस महाराजा अमर प्रकाश बहादुर के० सी० इस राज्य का क्षेत्रफल १,१९८ वर्गमील और एस. आई. हैं । आप १८८८ में पैदा हुए और जन-सख्या १,३८,५६४ है । राज्य की सालाना श्राय १९११ में गद्दी पर बैठे। ८ लाख रु. है। XXXX फरीद कोट पंजाब प्रान्त के आधीन फरीदकोट एक राज्य अब तक अपना राज्य बनाए हुए हैं है । इसका क्षेत्रफल ६४२ वर्गमील और जन संख्या यहां के वर्तमान नरेश फरजन्द सआदत निशान १,३०,३७४ है। इस राज्य की सालाना आय लगभग हज़रते-कैसरे हिन्द बरारवंश राजा हर इन्द्रसिंह १२ लाख है। यहां की भूमि समतल और बलुई बहादुर हैं । आप का जन्म १९१५ में हुआ और है। यहां के शासक सिंधु-बरार घराने के जाट हैं। आप १९९९ में अपने पिता की मृत्यु के पश्चात् गद्दी यह लोग मुग़ल सम्राट अकबर के समय से यहां पर बैठे । भारत सरकार की श्राज्ञा से राज काज राज्य करते आए हैं। यद्यपि आपस के झगड़े और एक काउन्सिल करती रही । इस काउन्सिल का एक सिक्खों से लड़ाई-झगड़ा होने के कारण इनकी बहुत प्रधान और चार मेम्बर हैं। यहां के महाराज को ११ सी भूमि दूसरों के हाथों चली गई है तो भी ये लोग तोपों की सलामी दी जाती है। मलेर कोटला राज्य मलेर कोटला राज्य पंजाब प्रान्त में स्थित है और होल्कर का पीछा करने में भी १८०५ में यहां के नवाब उसी के आधीन है। यहाँ का क्षेत्रफल १६७ वर्ग मील ने अंग्रेजों का साथ दिया । उसके बाद जब जमुना और जन-संख्या ७१,१४४ है। इस राज्य की सालाना और सतलज के बीच वाले प्रदेश में अंग्रेजों का श्राय लगभग १,४५,००० है । इस राज्य के उत्तर में अधिकार हुआ तो १९०९ में नवाब और अंग्रेजों के लुधियाना का जिला और शेष सभी ओर पटियाला बीच सन्धि हुई। तब से यहां के नवाब अँग्रेजों के राज्य है । राज्य की भूमि बलुई और समतल है । वफादार साथी हैं। यहां के नवाब अफगान हैं । मुगल बादशाहों के बर्तमान नवाब हिज हाईनेस अहमद अली खां समय में वे सरहिन्द के नवाब थे। जब अठारहवीं बहादुर के० सी० एस० आई ० हैं । आप १८८१ में शताब्दी में मुगल साम्राज्य का अन्त हुआ तो आपस पैदा हुये और १९०८ में गद्दी पर बैठे। श्राप महायुद्ध के राज्यों में झगड़ा होने लगा। सिक्ख और मरहठों के समय अँग्रेजों की ओर से युद्ध क्षेत्र में गये । से भो झगड़ा हुआ लेकिन यहां के नवाब ने लासवारी इससे श्राप को मेजर की उपाधि प्रदान की गई । की लड़ाई में १८०३ में अंग्रेजों का साथ दिया । राज्य की मुख्य उपज कपास, ईख और अफीम है।