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पृष्ठ:भूगोल.djvu/२१८

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। । जब्त कर लिया गया। आगे चलकर राज्य का विस्तार कम धोरासर-यह गुजरात में महीकांठा एजेन्सी का एक करके शों के साथ यह राज्य फिर लौटा दिया गया । छोटा राज्य है। इस राज्य में १५ गांव हैं, २२,५०० एकड़ धार राज्य को कई राजपूत सरदारों से कर मिलता है। में खेती होती है। इसकी जनसंख्या १० हजार और लेकिन उनको ब्रिटिश सरकार की ओर से रक्षा का वचन श्रामदनी ३० हजार रुपया है। यह राज्य ४८८ रुपया मिला हुधा है। मुल्तान, कच्छी, बड़ौदा, धोत्रिया, बदवल, ब्रिटिश सरकार को और ३५०० रुपया बड़ौदा को कर देता बरटतगढ़, कोड, कटोदिया. मंगलिया, धार सिखेड़ा, बैरसिया, है, यहां के ठाकुर कोली जाति के हिन्दू हैं । मुरवदिया, पनाह, राजपूती जागीरें हैं। मोटा बरखेड़ा, धौलपुर-यह मध्य भारत का एक राज्य है । इसका छोटा बरखेड़ा, नीमखेड़ा, काली बाउरी, गढ़ी, जमनिया, क्षेत्रफल १२२१ वर्गमोल है । इस राज्य में ४ नगर और राजगढ़ भील या भिलाल जागीरें हैं। भील सरदारों को ५३४ गाँव हैं। इसको जनसंख्या २,६०,००० है। यहां कम अधिकार प्राप्त हैं। धार के राजा को १५ तोपों की की जलवायु बड़ी स्वास्थ्यकर है। बाजरा, मोठ, ज्वार, सलामी दी जाती है। गेहूँ, जौर, धान और कपास यहां की प्रधान उपज है । इस धीधरमराय-यह मध्य भारत की भुसावन एजेन्सी का राज्य की श्रामदनी १७.००००० रु०है । इस राज्य को अपने एक छोटा राज्य है। इसकी सत्र की जनसंख्या भील है। खर्च से ३६५० पैदल सिपाही, ६०० घुड़सवार, ३२ तोप धुरवाई-यह बुन्देलखण्ड में एक छोटा राज्य है। और १०० तोप चलाने वाले सिपाही रखने पड़ते हैं। यहां इसका क्षेत्रफल १५ वर्गमील है । इसकी जनसंख्या २,००० के महाराजा राणा को १५ तोपों की सलामी मिलती है। । श्रामदनो १६,००० रुपया है, यहां के बुन्देल धौरा कुञ्जरा -इन्दौर एजन्सी का एक छोटा राज्य शासक दीवान कहते हैं। यहां के वर्तमान शासक दीवान है। श्रीनराल घाट और सिगवार के बीच में सड़की की जुगल प्रसाद सिंह हैं। चौकसी रखने के बदले यहां के सरदार को ८० रु. धुवातिया -यह मध्य भारत में मालवा एजेन्सी की मिलता है। एक ठकुराई है। यहां के ठाकुर का सिंधिया महाराज की नालिया -- यह संखेड़ा मेहवास का एक राज्य है । इस भार से ४०० रुपये और होलकर महाराज की ओर से ६०० का क्षत्रफल १ वर्गमील और श्रामदनी ८०० रुपया है। रुपये तनख्वाह मिलते हैं। यहां के ठाकुर ६७ रु० बड़ोदा को कर देते हैं। धूदे-यह बम्बई प्रान्त के खानदेश एजेन्सी में एक नन्दगांव --यह मध्य प्रान्त के रायपुर जिले में छोटा डांग राज्य है। इसकी जनसंख्या १,५०० आमदनी एक करद राज्य है। इस का संग्रफल ८७१ वर्गमील ८५ रुपया है और जन-संख्या १ लाख ७५ हजार है । धान, गहूँ, चना, धेतरिया वैसाला-यह मध्य भारत में धार की एक तिलहन और कपास यहां की उपज है । इस राज्य की जागीर है। इसमें है गांव है, यहां से धार राज्य को श्रामदनी ५,१०,००० रुपया है। यह ४६ हजार रुपया २,५०० रुपया कर दिया जाता है। यहाँ का क्षेत्रफल २७ ब्रिटिश सरकार को कर देता है । १७२३ ई० में नागपुर के वर्गमील और जनसंख्या ३३०० है। राज्य की सालाना महाराज ने अपने राज पुरोहित को यह जागीर पुण्म की थी श्राय २४,००० रुपये है। यहां के वर्तमान शासक ठाकुर १७६५ और 1८१८ में यह जागीर और अधिक बढ़ा ओंकार सिह हैं। दी गई । यहां के राजा वैरागी सम्प्रदाय के हैं । धोल-काठियावाड़ का एक राज्य है, इसका क्षेत्रफल ननगांव-यह रेवाकाण्ठा के संखेड़ा मेहवास का एक १०० वर्गमील है। इसमें ६४ गाँव और एक नगर छोटा राज्य है । इस का क्षत्रफल ३ वर्ग मील और प्राम- इसकी जनसंख्या ५५,००० है। गमा, ज्वार, बाजरा यहां दनी २,५०० रु० है । यहां के ठाकुर १२०० रु० बड़ौदा की प्रधान उपज है। राज्य की आमदनी २,००,००० रुपया को कर देते हैं। । यह राज्य १०,२३१ रुपया बड़ौदा र जूनागढ़ को ननसारी-ग्रह मध्य प्रान्त के भण्डारा जिले में एक कर देता है। यहां के ठाकुर साहब को फांसी की सजा छोटा राज्य है । इसकी जन-संख्या ५ हजार है। यहां के देने का अधिकार है। वे काठियावाड़ के द्वितीय श्रेणी के राजा ब्राह्मण हैं । इनके पूर्वज भासला राज्य के दरबारी थे। सरदारों में गिने जाते हैं। नरसिंह गढ़-यह मध्य भारत के भूपाल एजेन्सी है