पृष्ठ:भूगोल.djvu/२४०

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में स्थापित किया था। इनको प्राणदण्ड देने का अधिकार ४० सवार, २०० पैदल और ४ तोपें हैं। अपनी प्रजा के अपर प्राप्त है। यहां के शासकों को गोद सावानूर-धारवार, बम्बई प्रान्त का एक राज्य है। लेने की सनद प्राप्त है। और ज्येष्ठ पुत्र राज्य का अधिकार इसका क्ष त्रफल ७३ वर्गमील और जन-संख्या २०,३२० होता है। इस राज्य के शासक को १ तोपों को सलामी । इस राज्य की सालाना आय २,१२,००० रुपया है। दी जाती है। इस राज्य को मुख्य उपज कपास, धान, कुलथी, मूंग, सरगुजा-छोटा नागपुर बिहार का सबसे बड़ा राज्य नारियल, रेंडो, गेहूँ, चना, केला और गन्ना आदि हैं। है। इस राज्य का क्षेत्रफल ६०५५ वर्गमोल और जन यहां के शासक अफ़ग़ान हैं। १६८० ई० में यह संख्या ५,०१,६३६ है, इस राज्य की सालाना प्राय राज्य सम्राट औरङ्गजेब ने इस वंश वालों को जागीर रूप ८,६०,८३५ रुपया है। में दिया था। यहां के शासक नवाब कहलाते हैं । यहां के शासक १८१८ ई. तक मरहठों के आधीन सावन्त वाड़ी-अम्बई प्रान्त का एक राज्य है। रहे। १८१८ ई० में माधो जी भोसला ने इसे ब्रिटिश इसका क्षेत्रफल १३० वर्गमील और जन-संख्या २,३१,००० सरकार को सौंप दिया। महाराज की उपाधि यहां के है। इस राज्य की सालाना आय ६,४२,६४६ रुपया है । शासकों का १८२६ में प्राप्त हुई। यहां पर चालोक्य राजों का छठवीं से आठवीं शताब्दी सुरगना---खानदेश में बम्बई प्रान्त का एक भिस तक राज्यारहा। दसवीं शताब्दी में यहां यादव :लोगों का राज्य है। इसका क्षेत्रफल ३६० वर्गमील और जन-संख्या राज्य रहा और चौदहवीं सदी में विजयनगर राज्य का यह १४,२०५ है । इस राज्य की सालाना आमदनी १,१४,६६० एक राज्य बन गया किन्तु पन्द्रहवीं शताब्दी में बहमनी रुपया है। यहां के शासकों को उपाधि देशमुख की है। राज्य का इसपर अधिकार होगया। १६२७ ई० में खीम सरनगढ़-सम्भलपुर जिले में मध्य प्रान्त का एक सावन्त भोसला ने सावन्तवारी को मुसलमानों की परतंत्रता राज्य है। इसका क्षत्रफल ४५० वर्गमोल और जन-संख्या से छुड़ाया। यहां के राजाओं को ६ तापों की सलामो दी १,२८,६६७ है। इस राज्य की सालाना आय २,७७,७८२ रुपया है। यह राज्य १३५० रुपया ब्रिटिश सरकार को साहुका-झालावार, काठियावाड़ में बम्बई प्रान्त का कर देता है। एक छोटा सा राज्य है। इसका क्षेत्रफल ६ वर्गमील और यहां के शासक जाति के गोंड हैं और अपने को जगदेव जनसंख्या १२० है। इस राज्य में केवल एक गांव है। सा का वंशज बताते हैं । इन लोगों को उपाधि राजाकी है। इस राज्य की सालाना आय २६५० रुपया है। यह राज्य संगली -यह बम्बई प्रान्त का एक राज्य है। इस ५१६ रुपया ब्रिटिश सरकार को और ६५ रुपया जूनागढ़ राज्य का क्षत्रफल ११३६ वर्गमील और जन-संख्या राज्य को कर देता है। २,५८,४४२ है। इस राज्य की आमदनी १५,६१,५८४ सिरोही-राजपूताना एजेन्सी का एक राज्य है। रुपया सालाना है। इस राज्य का क्षेत्रफल १६६४ वर्गमील है और जन-संख्या इस राज्य के शासक कोनकन ब्राह्मण हैं। हरीभत २,१६,५२८ है। इस राज्य की सालाना आमदनी इस राज्य के संस्थापक पेशवा के सेनापति थे। यहां के १०,०५,००० रु. है। यह राज्य ६८८० रुपया कर रूप में शासकों की गणना प्रथम श्रेणी में की जाती है और इनको देता है । प्राणदण्ड देने की प्राज्ञा है। इनको गोद लेने की सनदप्राप्त है। यहां के शासक देवरा राजपूत हैं और दिल्ली महाराज संजेली-रेवाकाँठा एजेन्सी में बम्बबई प्रान्त का के वंशज हैं। यहां के शासकों की उपाधि राव को है और एक राज्य है। इसका क्षेत्रफल ३३. वर्गमील और जन उनके पास गोद लेने की सनद भी है। इनको १५ तोपों संख्या ३७५१ है। इस राज्य की सालाना आमदनी ७०० की सलामी दी जाती है। रुपया है। यहां के शासकों की पदवी ठाकुर की है। सिलाना-काठियावाड़ में बम्बई प्रान्त का एक राज्य सरोला-बुंदेलखण्ड में मध्यभारत का एक राज्य है। है। इस राज्य का क्षेत्रफल ४ वर्गमील और जन-संख्या इसका क्षेत्रफल ३५ वर्गमील और जन-संख्या ६०२२ है। ६१२ । इस राज्य की सालाना आमदनी ३००० रु. है। इस राज्य की सालाना आमदनी १२,००० रुपया है। यह राज्य १०० रु० सालाना बड़ौदा राज्य को कर देता है। जाती है।