पृष्ठ:भूगोल.djvu/९

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५ भूगोल [वर्ष १६ दी जाती है। स्कूल और क्षात्रों की संख्या काफी बढ़ विज्ञान, इञ्जीनियरिंग, ला और मेडीसिन की लगभग गई है। पब्लिक स्कूल ४७६४ से ५१३१ हो गये हैं, २० पुस्तकों का अनुवाद किया है । युनिवर्सिटी इस क्षात्र भी ३८१०१८ हो गये हैं और शिक्षा कार्य समय आदिक मेला बिल्डिंग में है । लेकिन यह शीघ्र पर ९० लाख खर्च होता है। कन्या शिक्षा पर भी ही अपने भवन में चली जायगी जो १॥ करोड़ की ध्यान दिया जाता है ७६६ कन्या संस्थायें हैं और लागत से बहुत भव्य वन रही है । ५६००० छात्रायें है, एक प्रथम श्रेणी का महिला- ब्राडकास्टिंग महकमा :- कालेज भी है । सारे स्कूलों में शारीरिक शिक्षा अनि- वार्य है। राज्य ने निरक्षरता निवारण का भी प्रयत्न शिक्षा की सहायता और मनोरंजन के लिये किया है-व्यक्त लोगों के लिये शहर और जिलों में सरकार ने सारू नगर और औरङ्गाबाद में ब्राड- कई स्कूल खोले गये हैं। सार्वजनिक स्कूलों से जाति- कास्टिङ्ग स्टेशन बनाये हैं। ट्रांसमिशन पर सरकार का बन्धन हटा दिया गया है। और दलित जातियों के वाले) पर लायसेंस फीस लगाने के लिए कानून अधिकार होने से ब्राडकास्ट रिसीवर (रेडियो लगाने लिये भी पृथक स्कूल खोले गये हैं। बनाया जा रहा है। गुलबर्गा और वारङ्गल में भी शिक्षा के सम्बन्ध में हैदराबादी प्रमा की सबसे दो स्टेशन बनेंगे। अभी तक हैदराबाद स्टेशन से बड़ी शिकायत यह है कि शिक्षा का माध्यम उर्दू है ब्राडकास्टिङ्ग, हिन्दुस्तानी और इंगलिश में होता है. जो वहाँ को जनता की मातृभाषा नहीं है। उर्दू लेकिन देहाती स्टेशनों पर हिन्दुस्तानी और उस माध्यम के होने से शासकों को सुविधा अवश्य है इलाके की मातृभाषा में होगा। लेकिन इससे वहाँ की शिक्षा के विकास में बाधा पड़ती है। सूचना विभाग, प्रेस और प्रकाशन विभाग को संयुक्त करके काफी सङ्गठित और व्यवस्थित कर उच्च शिक्षा:- दिया गया है । यह न केवल झूठी खबरों का प्रतिवाद उच्च शिक्षा के लिये लगभग २० वर्ष पूर्व उस करता है और सही खबर देता है बल्कि सरकार और मानिया यूनिवर्सिटी स्थापित की गई जिसने सब प्रेस के बीच सम्बन्ध करने में सहायक होता है । ओर काफी उन्नति की है। इस विश्वविद्यालय में सब बहुत शीघ्र ही एक प्रेस कानून बनाया जायगा ताकि विषयों की शिक्षा का माध्यम हिन्दुस्तानो उर्दू है जो स्थानीय ( भुकामी ) प्रेस की उन्नति हो सके। इस राज्य की भाषा है। अगरेजी सब श्रेणियों में अनि समय राज्य में ७० समाचार-पत्र और मासिक पत्र वार्य रूप से पढ़ाई जाती है। यूनीवर्सिटी में, आर्ट्स, इत्यादि प्रकाशित होते हैं । थियालौजी, विज्ञान, ला, इजीनियरिंग, मेडीसिन, पैडागाजी की शिक्षा दी जाती है। इसके अतिरिक्त मेडिकल डिपार्टमेंट का बजट पहले २७ लाख था बियालौजी, जूोलौजी और जियालाजी के भी विभाग खाले हैं । अर्थशास्त्र के लिये प्रथक स्कूल हैं । फ्रेंच, औषधालय, १४२ यूनानी तथा अन्य औषधालय, अब लगभग ३१ लाख है। यहाँ १४८ एलोपैथिक जर्मन, संस्कृत, अरवी के शिक्षण की भी कालेज के और १५ सफरी दवाखाने राज्यके १५ जिलों के लिये समय के बाद व्यवस्था है। विश्वविद्यालय और उससे सम्बन्धित कालेजों में १८६८ विद्यार्थी शिक्षा है। एक सिनेमाकार भी स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रचार पाते हैं। १९३३ से यह संख्या ५०० अधिक है। करने के लिये फिल्में दिखाती हुई घूमती है। नई इसकी व्यापकता बिना किसी जाति भेद के सर्वविदित स्वास्थ्य योजना ने तालुका, कस्बा, हेडक्वार्टरों के है और इसकी उपाधियाँ ब्रिटिश भारत और विदेशी स्वास्थ्य बहुत लाभ पहुँचाया है । विश्वविद्यालयों द्वारा मान्य है। अभी लंदन और पी. डबल्यू. डी. :- केम्ब्रिज ने भी इन्हें मान्य किया है । अनुवाद विभाग भीतरी व्यावहारिक अर्थात् निर्यात में उन्नति होने ने इतिहास, राजनीति, अर्थशास्त्र, दर्शन, गणित, में सुविधा पहुँचाने के लिए १९३३ से अब तक नई . जन स्वास्थ्य :-