॥श्री:॥
भूतनाथ
दूसरा भाग
पहिला बयान
रात बहुत कम बाकी थी जब विमला और इन्दुमति लौट कर घर में आई जहांँ कला को अकेली छोड़ गई थी। यहाँँ आते ही विमला ने देखा कि उसकी प्यारी लौंडी चन्दो जमीन पर पड़ी हुई मौत का इन्तजार कर रही है, उसका दम टूटा ही चाहता है, आखें बन्द हैं, अधखुले मुँँह से रुक रुक कर सास आती जाती है, बीच बीच में हिचकी भी आ जाती है। कला झारी में गंगाजल लिये उसके मुंह में शायद टपका चुकी या टपकाया चाहती है।
यह अवस्था देख कर विमला घबरा गई और ताज्जुब करने लगी कि उसकी इस थोड़ी ही गैरहाजिरी में यह क्या हो गया और चन्दो यकायक किस बिमारी में फंस गई जो इस समय उसकी जिन्दगी का चिराग इस तरह टिमटिमा रहा है बल्कि बुझा चाहता है। विमला ने घबरा कर कला से पूछा, "यह क्या मामला है और कम्बख्त को हो क्या गया है।"
कला॰। मुझे इस बात का बड़ा ही दुःख है कि चन्दो सब इस असार संसार को छोड़ा ही चाहती है, अपने पाप का प्रायश्चित करने के लिए इस कम्बख्त ने जहर खा लिया है और जब रग रग में जहर भीन गया है तब यहां आकर सब हाल कहा है। मैंने जहर उतर जाने के लिये दवा