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पृष्ठ:मध्यकालीन भारतीय संस्कृति.djvu/२६३

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(१६) समस्शत-पर मंदाना गा मागिनी--पूर्व ३१, २२ मत ७६ भापालिका-भारतीयों फा, पार्ज कार-शाभट ri मा भरधी गानुवाद १०६ frilltrail 122 अर्थशास-कोहिला का 12 नीतिमाभूषमा ५५:-रामा मन शास का पर्याय १३० मान २ मार गुलाम ५६ अर्धमागधी-लिग पायुग--दिस माहिग में-,710; श्यलंकार शाला-गुन्य सहनमा -- Sarri, er hafi नच २३ पर १२५ जास्टर सीरका मत अल्गोरिदास-पादनारिखमी १२- नान सन्मदाता अक्षारांतर १११ शापागोंगा मंद में उलग अल्मनसूर-वैधक प्रयों का पानी १२०, राद का मिहयोग--114 से अनुवाद करनेवाला १२५ शानिमास 115 अलख (पलट ) सूरि-काव्यप्रकाश याशिक पाया 143 के शेप भाग का लिखनेवाला ८३ पार्यगट 101 अलबेरुनी ६२, १२६ 'पार्यगटा शायभटीय १०३,- श्रयतिवर्मा २४ (दसरा)का पार्यसिद्धांत १०३ श्ववंतिसुंदरी-राजशेखर की विदुषी शालवार राजा 10 पायांतिक भाषा (लिका पैशाची अवतार -जैनों के वादों के-, या भूत भाषा) १३६ हिंदुओं के-३८ इरिसंग-५, १६, १६६ अविद्या-दुःखों का मूल कारण ४ एन गुरदाद-भारत में सात भेणियों का वर्णन ४५ इस्लाम के प्रचार में हिंदुनों की उदारता ३६ अहिंसा ५ उत्कृष्ट यज्ञ ५ अहिंसावाद ७ उत्तराधिकार संबंधी नियम १५६ श्राकर्षण शक्ति-पृथ्वी में, १०५ उज्ज्वल दत्त-उणादि सूत्रों का टीका- श्रागम २० कार ८५ पत्नी ६४ अश्वघोप ७५ अश्वमेध यज्ञ अशोक-मौर्यवंशी सम्राट् ३