सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

( २३१ )

(ग) इससे वह उसे पहचान न सकी। (मुख्य उपवाक्य, ष का समानाधिकरण; ख का परिणाम-बोधक)

(घ) और उसने यही जाना। (मुख्य उपवाक्य का; ग का मानाधिकरण )

(ड़) कि नौकर ही चुपचाप निकल जाता है। (भाश्रित संज्ञा उपवाक्य; घ का कर्म)