पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/१२९

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( १२४ ) बहुवचन में "घोड़ों" हो जाता है। इसलिए “घोड़े" और • "घोडा" विकृत रूप हैं। ___२५६-एकवचन में विकृत रूप का प्रत्यय "ए" है जो केवल हिंदी और उर्दू ( तद्भव ) आकारांत पुल्लिंग संज्ञाओं में लगाया जाता है; जैसे, लड़का-लड़के ने; घोड़ा-घोड़े ने; सोना-सोने का: परदा-परदे में: अंधा-हे अंधे । (अ) संबोधन कारक के एकवचन में "बेटा" शब्द अविकृत रहता है; जैसे, हे बेटा । २६०-बहुवचन में विकृत रूप के प्रत्यय ओं और यों हैं। (अ ) अकारांत, विकारी आकारांत और हिंदी याकारांत 'शब्दों के अंत्य स्वर में ओं आदेश* होता है; जैसे, घर-घरों को (पु०), बात-बातों में (स्त्री० ), लड़का-लड़कों का (( पु०), डिबिया-डिबियों में (स्त्री०)। (आ) मुखिया, अगुआ, पुरखा और बाप-दादा शब्दों का विकृत रूप विकल्प से ( अ ) वा (ई) के अनुसार बनता है; जैसे, मुखियों वा मुखियाओं को, अगुओं वा अगुवाओं से, बाप-दादों वा बाप-दादाओं का। . (इ) ईकारांत संज्ञाओं के अंत्य ह्रस्व के पश्चात् “यों" लगाया जाता है; जैसे, मुनि-मुनियों को; हाथी-हाथियों .. से; शक्ति-शक्तियों का; नदी--नदियों में। . .

  • एक अक्षर के स्थान में दूसरे अक्षर का उपयोग।