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पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/४३

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(४०)

कुछ उपाय किया है ?” “तपस्वी हे पुरुकुलदीपक, आपको यही उचित है।"

(आ ) बराबरीवाले और अपने से कुछ छोटे दरजे के मनुष्य के लिए भी “आप” कहने की प्रथा है; जैसे, "इंद्र- भला, आप उदार वा महाशय किसे कहते हैं ?" "जब आप पूरी बात ही न सुनें, तो मैं क्या जवाब दूं।"

(इ) अन्यपुरुष में आदर के लिए "वे” के बदले कभी कभी “आप” आता है। उदा०-"श्रीमान् राजा कीर्ति- शाह बहादुर का देहांत होगया। अभी प्रापकी उम्र केवल उन्तालीस वर्ष की थी।"

१०२- आप-(निजवाचक)

प्रयोग में निजवाचक "आप" पुरुषवाचक (.आदरसूचक) "आप" से भिन्न है। पुरुषवाचक 'आप' एक का वाचक होकर भी नित्य बहुवचन में आता है; पर निजवाचक "आप" एक ही रूप से दोनों वचनों में आता है। पुरुषवाचक "आप". केवल मध्यम और अन्यपुरुष में आता है; परंतु निजवाचक "आप" का प्रयोग तीनों पुरुषों में होता है। आदरसूचक "आप" वाक्य में अकेला आता है; किंतु निजवाचक "आप" दूसरे सर्वनासों के संबंध से आता है। “आप” के दोनों प्रयोगों में रूपांतर का भी भेद है। (अं०-२७०)।

निजवाचक “आप” का प्रयोग आगे लिखे अर्थो में होता है-