पृष्ठ:मध्य हिंदी-व्याकरण.djvu/६

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मध्य हिंदी-व्याकरण


प्रस्तावना

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(१) भाषा

भाषा वह साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचार दूसरों पर भली भाँति प्रकट कर सकता है और दूसरों के विचार आप समझ सकता है। मनुष्य के कार्य उसके विचारों से उत्पन्न होते हैं; और इन कार्यो में दूसरों की सहायता अथवा सम्मति प्राप्त करने के लिए उसे वे विचार प्रकट करने पड़ते हैं।

जब हम उपस्थित लोगों पर अपने विचार प्रकट करते हैं, तब बहुधा कथित भाषा काम में लाते हैं; पर जब हमें अपने विचार दूरवर्ती मनुष्यों के पास पहुँचाने का काम पड़ता है, अथवा भावी संतति के लिए उनके संग्रह की आवश्यकता होती है, तब हम लिखित भाषा का प्रयोग करते हैं। पहले