पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/३६२

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more years of service. We often talk about you and your wonderful vitality. With regards from us all." "प्रिय हरदयाल वायु, आपका पत्र पाकर हम सबको बहुत आनन्द हुआ। जितनी पकी अमरमें आपने तकली सीखी, यह जानकर मुझे आपसे और्षा होती है। और यह भी यही खुशीकी बात है कि आपका वजन १६ पौण्ड बढ़ गया। सेवा करनेके लिओ आप बहुत वर्ष जिये ! आपके और आपकी तन्दुरुस्तीके बारेमें हम बहुत बार बातें करते हैं । हम सबका नमस्कार ।" दो कर्नाटकी नौजवानोंने २०-२५ दिनसे अपवास कर रखा था। १५ दिनके अपवासके बादसे अन्हें जबरन् दूध पिलाया जाता ६-८-३२ या। असी खबर मिली थी कि ये लोग चौमासेमें ब्राह्मणका ही बनाया खानेके लिअ अपवास कर रहे हैं । अिसलिों हम यह कह कर बोले नहीं थे कि जिनकी मांग मूर्खताभरी है । आज बापूने जिस बातकी चर्चा सुपरिटेण्डेण्टसे छेड़ी । सुपरिप्टेण्डेटसे पूछा गया कि “आप किसीको अिन लोगोंसे मिलने देंगे या नहीं ? अिन लोगोंको सुनकी भूल समझाश्री जायगी और अपवास छुड़वाया जायगा ।" वे कहने लगे---- अिस तरह तो अनुशासन भंग हो जायगा । अगर यों अपवास करें और अन्हें तुरन्त समझानेको आदमी भेजे तो कैसा चले ! और अिस प्रकार अन्त कहाँ हो ?" बापूने कहा- “मगर मैं नहीं कहता कि आप उन्हें ब्राहाणके हायकी रसोजी दीजिये । मैं तो यह कहता हूँ कि अन्हें समझानेके लिअ किसीको जाने दीजिये।" फिर यापू जरा सख्त होकर बोले- "आपको कर्मचारीके बजाय अक भिन्सानकी दैसियतसे जिस चीज पर विचार करना चाहिये । कर्मचारीके रूपमें आपको असा खयाल हो सकता है कि अिन आदमियोंको मेरे वशमें रहना ही चाहिये । मगर अिन्सानके नाते असा ख्याल होना चाहिये कि अिन आदमियोंमेंसे अिन्सानियत न जाने देना चाहिये ।" अन्होंने कहा ." नहीं, जिस तरह मैं अन्हें दूसरोंसे मिलने दूं, तो फिर लोग अपने मित्रोंसे मिलनेके लिझे अपवास करने लगेंगे । और अिन लोगोंका क्या अपवास है ! मैं मानता हूँ कि ये तो छिपे छिपे खाते होंगे । औसा लगता ही नहीं कि ये अपवास कर रहे हैं।" वापूने कहा तब यों कहूँगा कि आपने अन्हें अधिक मनुष्यताहीन बना दिया है। क्या आप यह चाहेंगे कि ये लोग जैसा करते रहें.१" बेचारेने थक कर कहा- हारा । आपके साथ बहसंमें कौन जीत सकता है ? अच्छा आपको मिलाना हो तो मिलिये ।" दोपहरको मिले, मालूम हुआ कि ये लोग तो जेलकी नियमा- - -