पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/४

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५ साथ किया है। अिंस प्रकार यह डायरी की तरहसे ज्यादा महत्वकी होनेके कारण सम्पादन और प्रकाशनके लिओ अिसे पहले चुना गया है। यह डायरी १०-३-१९३२से ४-९-१९३२ तक की है। जिसके . वाद महादेवभाजी जब तक गांधीजीके साथ यरवदा जेलमें रहे, अस वक्तकी डायरी दूसरी पुस्तकमें दी जायगी । अछूत माने जानेवाले वर्गको दूसरे हिन्दुओंसे अलग मताधिकार देनेके मैक्डोनल्डके निर्णयके विरुद्ध गांधीजीके तिहासिक अपवासवाला प्रकरण दूसरी पुस्तकमें आयेगा । असे, मिस पुस्तकमें असके संकल्पका हाल तो आ ही नाता है । बादकी पुस्तकोंमें शुरूसे आगे चलें या सन् '४२ से शुरू करके पीछे जायें, यह अभी तय नहीं किया गया है । कितने ही व्यक्तियों के सम्बन्धके असे निजी और खानगी हालात छोड़ दिये गये हैं, जिनका जाहिर होना अन व्यक्तियोंको अच्छा न लगे । मगर जो हालात जैसे हैं जिनसे लोगोंको कुछ भी मार्गदर्शन या प्रेरणा मिल सकती है, वहाँ सुनको रखकर व्यक्तियोंका नाम छोड़ दिया गया है। जहाँ व्यक्तिका नाम छोड़ दिया गया है, वहाँ • . . अिस तरहके तीन विन्दु लगाये गये हैं। जहाँ ज्यादा हालात छोड़ दिये गये हैं, वहाँ फूलके निशान लगाये गये हैं। गांधीजीके अंग्रेजीमें लिखे गये पत्र और अनके नाम अंग्रेजीमें आये हु पत्र मूल अंग्रेजीमें दिये गये हैं और अनके नीचे सुनका गुजराती तर्जुमा दिया गया है । महादेवभाीने अंग्रेजी किताबोंमेंसे जो अद्धरण दिये हैं, अनका अनुवाद भी दिया है । सिर्फ 'फोर्थ सील' अन्यके अंग्रेजी अद्धरण नहीं दिये हैं, गुजराती तर्जुमा ही दिया है । जिस सारे गुजराती अनुवादकी जिम्मेदारी मेरी है । अिस डायरीमें मुख्य पात्र तीन हैं-गांधीजी, सरदार पटेल और महादेवभाजी। जेलके कर्मचारियों, डाक्टरों और खिदमतगारोंका भी जिक्र बीच बीचमें आता है, मगर वे गौण पात्र हैं । यों तो गांधीजीका सारा जीवन ही बिलकुल खुला था । निजी और खानगी मानी जानेवाली बातें दुनिया जितनी सुनकी जानती होगी, भुतनी शायद ही और किसी नेताकी जानती हो.। फिर भी गांधीजीकी बहुतसी जानने लायक बातें अभी तक जनताके सामने नहीं आी होंगी । अिस डायरीमें सुनकी बाहर न आयी हुी खासियतें,जीवन-प्रसंग तथा व्यक्तिगत और सामाजिक जीवनसे सम्बन्ध रखनेवाले बहुतसे महत्वके विषयों पर गांधीजीके विचार अनकी बातचीतों और पत्रों के जरिये पाठकोंको जाननेको मिलते हैं। चूंकि मुख्यतः गांधीजीके नेतृत्वमें ही हमारे देशने ब्रिटिश सरकारकी नागफाँससे छूटनेका सफल प्रयत्न किया, अिसलि गांधीजीका राजनीतिक महत्व ,