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महाभारतमीमांसा
  • महाभारतमीमांसा

- - गङ्गा किनारेकी थी; वह अर्जुनको व्याही के जितने राज्य स्थापित हुए थे, उनमें गई थी। श्रीकृष्णको कई रानियाँ थीं काठियावाड़का द्वारकावाला श्रीकृष्णका जिनमेंसे कुछ नाग-कन्याएँ भी थीं। शन्तनु स्थान मुख्य है । यहाँ यादवोंकी बस्ती हो राजाने निषाद-कन्या मत्स्यगन्धाके साथ गई थी: और इसी स्थानमें दाशाह विवाह किया था। इसीमत्स्यगन्धाके गर्भ- . नामक लोगोंके आबाद रहनेका भी उल्लेख से पराशर ऋषिसे व्यासजी उत्पन्न हुए है। अवन्ती देशमें भी चन्द्रवंशी आर्योकी थे।एक नागकन्याके गर्भसे जरत्कार ऋषि- • बस्ती हो गई थी और वहाँकी उज्जयिनी से पास्तिक हुआ था। मतलब यह कि नगरीकी स्थापना भी हुई थी। यह शहर नागकन्याओंके साथ विवाह किये जानेके पुराना है और सप्तपुरियोंमें द्वारकाके महाभारतमें अनेक उदाहरण है। इसस : समान ही पवित्र माना गया है । यह प्रकट है कि भारती युद्ध-कालमें चन्द्रवंशी आख्यायिका है कि उज्जैनमें श्रीकृष्ण आर्य और नाग लोगों के मिलाप हो जाने- विद्या पढ़ने के लिए गये थे। विदर्भ यानी की-खिचड़ी हो जानेकी-कल्पना उत्पन्न बरारमें भोजोका गज्य कायम हो गया हुई। इस मिश्रणके कारण रङ्गमें फर्क था और रुक्मिणी विदर्भके भोजकी बेटी पड़ गया और आर्य लोगोंका साँवला . थी। सारांश यह है कि विदर्भ, मालवा रस हो गया होगा। कृष्ण द्वैपायन, और काठियावाड़ तथा गुजरात प्रदेश- श्रीकृष्ण अर्जुन और द्रौपदीके कृष्ण वर्ण- में चन्द्रवंशी आर्योंकी बस्ती थी और भार- का उल्लेख है। कुछ लोगोंके सिर नाप-तीय युद्ध के समय ये प्रदेश प्रसिद्ध थे। कर यह अनुमान किया गया है। रिस्ले ' इन देशवालोंके मस्तकोंका परिमाण मध्यम साहबकी दलील यही है कि मध्यम शीर्ष- नहीं, चौड़ा है। यह क्यों ? रिस्ले साहब- परिमाण होने के कारण सिद्ध है कि यहाँ के उक्त सिद्धान्त पर महत्वका यह दूसरा द्रविड़ जातिके जो लोग खासकर मद्रास । श्राक्षेप है । अब इन दोनों आतेपोका इलाक़में हैं, उनके सिरका परिमाग चौड़ा निरसन करना चाहिये । दक्षिणके महा- नहीं, लम्बा है। शीर्षमापन शास्त्रज्ञाना- राष्ट्र प्रभृति देशोंमें भी आर्य लोग फैले प्रोने स्थिर किया है कि कुल द्राविड़ोंका हुए हैं । हरिवंशमें कहा गया है कि सिर लम्बा होता है और इस बातको रिस्ल सह्याद्रिकी समधरातल भूमि पर पार्यो- साहबने भी मान लिया है। फिर दुसरी के कई राज्य थे और इन राज्योंकी स्थापना टोलीके जो आर्य हिन्दुस्थानमें श्राये, उनका चार नागकन्याओंके गर्भसे उत्पश्च यदुके सिर लम्बा था और जिनके साथ उनका 'चार बेटोने की थी । यदि महाराष्ट्रको मिश्रित होना माना गया है, उन द्रविड़ : अलग रख ले तो भी गुजरात और बरार जातिवालोका सिर भी लम्बा था। ऐसी श्रादि प्रदेशोंमें चन्द्रवंशी आर्योंकी जो दशामें द्रविड़ जातियोंके मिश्रणसे उपजे बस्ती हो गई थी, वह उन प्रदेशोमें अब- हुए लोगोंके सिरका परिमाण मभोला : तक है । यहाँवालोंके मस्तकके मापका कैसे हो सकेगा? रिस्ले साहबके ऊपर- परिमाण मध्यम नहीं, चौड़ा है। इस बाले सिद्धान्त पर यह एक महत्त्वका बातका निर्णय हो जाना चाहिये कि माक्षेप होता है। अब इस आक्षेपका ऐसा क्यों है। निराकरण करना चाहिये। शीर्षमापन शास्त्रके शाता लोग जिस भारतीय युद्ध कालमें चन्द्रवंशी श्रार्यों- ढङ्गसे मस्तकका परिमारण लेते हैं, उसका