पृष्ठ:महाभारत-मीमांसा.djvu/६३४

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महाभारतमीमांसा

७५३ ... कमंसिद्ध ६०६ ® महाभारतमीमांसा । ® ऋग्वेदमें कुरुकी बातें ... दूसरे देशोंको देखते हुए इसका , यदुकी बातें ... ... १४३ सम्भव होना , पाञ्चाल, सोमक और कृत्तिकादि गणना .. ४१५ सहदेव ... ... १४६ कैवल्य, योगका और सांख्यका , अनु और द्रुह्यु ... १४३ मोक्ष ... ५२६ ऋतु . ४२२ खर्च के मद, राज्यमें .. ... ३२३ एक लाखकी संहिताके इलियडका खेती और बागीचे ... ... ३६८ हवाला ... ... ... ४३ गद्य महाभारतका उपनिषदोंसे भी एड्कोंकी निन्दा ... ... ७८ हीन है ... ... कन्यात्वदूषण .. २२६ । गण, पहाड़ी जातियाँ कपड़े (रेशमी, सूती और ऊनी)... २६६ , प्रजासत्ताक लोग कर ... . ३१८ । गणितसे निकलनेवाली ग्रह स्थिति कर्ता काल्पनिक नहीं हैं ... नक्षत्रोंसे नहीं मिलती .. कर्मयोग ... . .. ५११ गणित श्रादि विषय .. ... ४४३ कर्मयोगका सिद्धान्त .. .. ५६४ : गर्ग वराह . .. ... ४३७ ५०० गर्गसंहिताका महाभारतमें उल्लेख ख ४३८ कलियुगारम्भ और श्रीकृष्णका गर्गने सप्तर्षिचारसे युधिष्ठिरका काल एक है . .. ह. समय निकाला, यह मत कलियुगारम्भका ज्योतिषियोका भ्रमपूर्ण है। ठीक अङ्क निका- निश्चित काल पीढ़ियोंके __ लनेके लिए साधन नहीं है। आधार पर है ... ... १२ वंशावलीसे निकाले हुए अङ्क ६५ कलियुगारम्भका गणितसे आर्य- गर्गसंहितासे काल्पनिक दुश्चिह्न भट्टका निश्चित काल भ्रमपूर्ण है २ लिये गये हैं ... ... कल्प . ४२७ गाथा इतिहास प्रादि महाभारतमें कारीगरोंको सहायता ... ... ३७२ ____ समाविष्ट है ... ... कालविभाग .. गायनकी अभिरुचि २८६ कूट श्लोकोंके उदाहरण ( ये श्लोक गुजरात ३६५ सौतिके हैं) ___२८ गुरु ५५७ कृट श्लोकोंकी संख्या (संख्या- गुलामोंका अभाव ३७८ विषयक श्लोक बहुत है) .. २८ ; गोपियोंकी भक्ति ५६- कूट ... ... ... ... १३६ । गोरक्षा . ... ३६६ कूटयुद्ध . . . ... ३६०-३६१ गोरसका महत्त्व ... २५६-२६० कुरुक्षेत्र और पुष्कर .. ... ४०७ गोत्रोत्पत्ति ... ... ... १६8 कृत्तिका ठीक पूर्वमें उदय होती गोहत्याका पातक ... तक ... ... २४९ है, इससे भारतमें युद्धका नहुष संवाद ... ... २५० समय .. ... १०६-११० निषेध जैनोंसे पहलेका और । यह उल्लेख प्रत्यक्ष स्थिति देख- श्रीकृष्णकी भक्तिके कारण है २५१ कर किया गया है ... ... ११२ ग्रन्थ अोर कर्ता