366 / महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली । बहुत बढ़ी चढ़ी थी। विज्ञान की प्रायः सभी शाखाओं में वे थोड़ा बहुत दखल रखते थे। कप्तान स्काट के साथ जिन चार वीरों ने ध्रुवीय प्रदेश में अपनी मानवलीला समाप्त की उनके नाम ये हैं-डाक्टर विल्सन, कप्तान ओट्स, लेफ्टिनेण्ट ओवर्स, पेटी अफ़सर एवंस । इनमें डाक्टर विल्सन इंगलैंड के प्रसिद्ध विज्ञानवे । थे। वे कप्तान स्काट के पुराने मित्रों में से थे । कप्तान ओट्स एक सुयोग्य अफसर थे । वे बड़े ही मुस्तैद थे। स्काट साहब उन पर बहुत विश्वास करते थे। लेफ्टिनेण्ट ओवर्स को तो कप्तान स्काट का दाहिना हाथ कहना चाहिए। कार्य-दक्षता के कारण अपने साथियों के वे बड़े ही प्रिय पात्र बन गये थे। यह बात यहाँ पर विशेष रूप से उल्लेख योग्य है कि ये दोनों अफ़सर भारतीय सेना विभाग से सम्बन्ध रखते थे और इसी देश से जाकर इस विकट यात्रा में सम्मिलित हुए थे। एवंस साहब भी कप्तान स्काट के विश्वासपात्र और साहसी सहायकों में थे। विलायत वाले स्काट साहब और उनके साथियों का स्मारक बनाना चाहते हैं । लार्ड कर्जन इस काम के लिए जी तोड़ कर परिश्रम कर रहे हैं । इस चढ़ाई में कोई साढ़े चार लाख रुपया खर्च पड़ा है। वह सब चन्दे से भुगताया जायगा, जो लोग इस यात्रा में मरे हैं, उनके कुटुम्बियों को पेंशन भी दी जायगी। कर्मवीरों का आदर करना कर्मवीर ही जानते हैं। [मार्च, 1913 की 'सरस्वती' में प्रकाशित । 'प्रबन्ध-पुष्पांजलि' में संकलित ।
पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/३७०
दिखावट