पृष्ठ:मानसरोवर भाग 3.djvu/३११

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मानसरोवर ।


यार, एक लेटर-राइटर ( पत्र-व्यवहार-शिक्षक ) की पावश्यकता है। किसका लेटर- राइटर सबसे अच्छा है? नईम ने गिरधर को और कनखियों से देखकर पूछा-लेटर-राइटर लेकर त्या कीजिएगा गिरधर----फुजूल है। नईम खुद किस लेटर राइटर से कम है। चक्रधर ने कुछ सकुचाते हुए कहा-अच्छा, कोई प्रेम पत्र लिखना हो, तो कैसे भारम्भ किया जाय। नईम-डार्लिङ्ग लिखते हैं। और जो बहुत ही घनिष्ट संबंध हो, तो डियर डार्लिङ्ग लिख सकते हैं। चक्रधर-और समाप्त कैसे करना चाहिए ! नईम-- पूरा हाल रत्ताइए, तो खत हो न लिख दें? चक्रधर- नहीं, आप इतना बता दीजिए, मैं लिख लूंगा। नईम-अगर बहुत प्यारा माशूक हो, तो लिखिए-Your dying lover; और अगर साधारण प्रेम हो, तो लिख सकते हैं-Yours for ever. चक्रधर--- कुछ शुभ कामना के भाव भो तो रहने चाहिए न ? नईम-बेशक ! विना आदाय के भी कोई खत होता है, और वह भी मुहन्नत का ? माशुक के लिए आदाब लिखने में फकीरों की तरह दुआएँ देनी चाहिए ! आप लिख सकते हैं-God give you everlasting grace and beauty 27-May you remain happy in love and lovely. क्रधर-एक कागज पर लिख दो। गिरिधर ने एक पत्र के टुरड़े पर कई वाक्य लिख दिये। जब भोजन करके लौटे, तो चक्रधर ने अपने भिवाड़े बद कर लिये, और खग बना-बनाकर पत्र लिखा। अक्षर विगह-विगड़ जाते थे, इसलिए कई बार लिखना पड़ा। कहीं पिछले पहर जाकर पत्र समाप्त हुआ। तव आपने उसे इत्र में पाया, और दूसरे दिन पुस्तकालय में, निर्दिष्ट स्थान पर रख दिया। यार लोग तो ताक में थे ही, पन उड़ा लाये, और खूब मले-लेकर पढ़ा। तीन दिन के बाद चक्रधर को फिर एक पत्र मिला। लिखा था-'माई डियर दक्रधर, ,