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मिश्रबंधु-विनोंद

३३ मिश्रबधु- दिदि ॥

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हुस-संतु-१६३१ । १० का १६६६ ।। रचनाकाद्ध-१६५७ १ विवरण-गोस्वामी तुलादास के शिष्य थे । नाम--{ ११३ } वियदैव सृरि ! थ-- श्री शोलास । रचनाअनु-१६५७ } विवरण- नेमनाथ के पुत्र शलम को इतिहास खोज्न १६००

  • --- ३१४) लक्ष्मीनारायण मैथिल । ।

प्रध-द्वि०३०नि० मतरं शिशी हलुसम्झी कई तमाचा । रचनाकाल----१६६७ । । विवरण-स्त्राभल्लानी ॐ यह ३ । । नाम - २६१ } मधिद । . अंथ-विनोदसागर । । रचनाकाल-१६१६ [ १२५] । विरा-अकबर शाह के समय में थे । कृश्य का यश वर्णन | किया है। मधुसूदनदास की थी। नाम-{ २१६ ) अभिराम । । रचनाकाल-१६६० ॐ १३ । । . . . .। विक्रस-इनकी रचना संग्रह में हैं ।. नाम– ३१७ } उदयराय । । इलाहाल- १६६०) ॐ एवं ।। विवरख–इनकी कविता सारसंग्रह में हैं। म-१ ३६८ } केशव पुत्रवधू ! रचनकाल–१६६० के पूर्व ।। वररमा की कविता कारसंग्रह में है।