पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/४७९

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E६५ मिश्रयन्सुनिन् । [ प १८४ कविता-बाल-१८४९ के पूर्व । नाम-(१०१७ ४) मैनदान साघु. कटवा, शरार्षकी। ग्रन्थ-भागयतमाहात्म्य (१८४९।।। करता-काल-१८४९.! नाम (१९७५) रामचरना जी। अन्य {१} अनभै, (२) चिंघासाघ, (३) नियेाघ, (३) घाणी, (५) पियामर्याध, (६) रसमाद्धिको पन्थ। कविता-का-१८४६ । नाम-१०७६) राधाकृप्या चा, चित्रकूद। ग्रन्थ—(१) चिचारीसतसँया पर पद्म टीका, (२) कृप्याचंद्रिका ! कविता-काल-१८५० के पूर्व । • नाम-(१ ० ७७) दालचन्द्र अगिरानियासँग । फयिश-काल-१८५७ ।। विवरण–थेाधा के पुर। नाम-११०७८) तुलाराम येडरर भ्राद्दर, वें दी। भन्यु– ट । फरिवा-काल-१८५७ । विवर---राय राज्ञा चिसिद्द वया रामसिंह के समय में कार क थे । साधारण यो के इब थे। माम५१०७६) निहाल माझया, दिगद्दा, खनऊ। अन्मकाळ-२०! _* कविता-काल-१८५८।।