पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/९२

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मिश्र धुविना । अन्य राजन्नाकर। रचनाकलि११ | विवर–महाराज राक्षसि के पद थे। नाम-(४१३) पुसदेच गैलापुर। प्रन्ध–१ बामिया ( यायिय का पय-यन ), २ याज्यि के | भेद यन । रचनाकारू-१७१७ विवरण—निम्न श्रेयी । नाम-(४१ ४) जानकौरसिकशरए । प्रन्थ-ससुचेधिनी { दीको भकमाल की। रचनाकार--१७१९! माम–(४१५) दरियस भिन्न दिमामी । रचनाकाल–१७१९! विवर–जर हनुमन्तसिए अमेठी के यहाँ धे। अदुल जलील यिलमामी की काव्य पढ़ाया। निम्न थे । नाम-(४१६) अनन्त । अन्य-अनंतानंद। अन्म झाल–१६१२। नावार--१७ | निचरा-हीन थे । नाम--(४१७) अमरसिंह राठौर महाराज धपुर के बड़े पुत्र जन्म-संवत् १६६०